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Science & Technology

सिन्धु घाटी सभ्यता से हुआ था, बटन का अविष्कार

Date : 16-Oct-2023

 सिंधु घाटी सभ्यता को बटन के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है और आज हमारे पास मौजूद सबसे पुरानी बटन लगभग 2000BCE की है और यह एक घुमावदार खोल से बनी है।

पहले बटन का उपयोग किसी व्यक्ति की पोशाक के लिए सजावटी अलंकरण के रूप में किया जाता था और जो धन या व्यक्ति के ओहदे को दर्शाता था।

उनकी सतहों में छोटे-छोटे छेद किए गए थे और वे कपड़े से धागे से जुड़े हुए थे, जो अक्सर सीधी रेखाओं के बजाय ज्यामितीय पैटर्न बनाते हैं जिन्हें हम आजकल प्रयोग करते हैं।

जैसे-जैसे सदियां आगे बढ़ीं, बटन कपड़ों के लिए फास्टनर के रूप में अधिक से अधिक उपयोग किया जाने लगा, प्राचीन रोमन लोग पिन के साथ कपड़ों को ठीक करने के लिए उनका उपयोग करते थे।

सदियों से बटन एक अलंकरण से ज्यादा एक अधिक व्यावहारिक वस्तु के रूप में विकसित हुआ। मध्य युग अपने साथ सभी महत्वपूर्ण बटनहोल का आविष्कार लेकर आया, जो कपड़ों के क्षेत्र में एक मूक क्रांति लाने जैसा था।

शर्ट के बटन का अविष्कार किसने किया था?

जितना पुराना कपड़े का इतिहास है,उतना ही बटन का भी है।

बटन का प्रयोग सर्वप्रथम सिंधु घाटी सभ्यता में हुआ था।इसका प्रमाण मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिला है।इतिहासकारों का मानना है कि इसका प्रयोग 2000 .पुमें किया जाता रहा होगा।माना जाता है कि हड़प्पावासी आभूषण के तौर पर इसका प्रयोग करते होंगे और ये अधिकतर ज्यामितीय आकार के होते थे।ये सेलखड़ी नामक चट्टान की सहायता से ऐसा करते थे। आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व वे इन चीजों से अवगत थे। 

आधुनिक परिदृश्य में बटन

13वीं सदी में पहली बार बटन को व्यापारिक तौर पर जर्मनी में विकसित किया गया,जिनमे धागा के लिए छिद्र भी होते थे।13 वीं साड़ी के अंत और 14 वीं सदी के प्रारंभ तक ये पुरे यूरोप में प्रचलित हो गया।आजकल तो लोहे,प्लास्टिक,लकड़ी और कई मूल्यवान धातु का भी प्रयोग बटन में होने लगा है

चीन के झेजियांग प्रांत के किओटू शहर पुरे विश्व में अकेले 60% बटन का उत्पादन करता है।इसलिए इसेविश्व की बटन राजधानीभी कहते है।यहाँ प्रतिवर्ष 15 अरब बटन का उत्पादन किया जाता है।

 
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