साइबर फ्रॉड से 9 महीनों में 107 करोड़ रुपये का नुकसान, ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
भारत में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसके कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों में साइबर ठगी के कारण लोगों ने 107.21 करोड़ रुपये से अधिक गंवाए हैं। इसके साथ ही, स्कैमर्स हर रोज़ नए-नए तरीकों से लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण कई लोग इन ठगों के जाल में फंसकर अपना धन खो बैठते हैं।
डिजिटल पेमेंट्स के साथ बढ़े स्कैम
हाल के वर्षों में डिजिटल पेमेंट्स के उपयोग में वृद्धि हुई है, जिसने लोगों को सुविधा तो दी है, लेकिन इसके साथ ही साइबर फ्रॉड के मामलों में भी इजाफा हुआ है। बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में एक लाख रुपये से अधिक के फ्रॉड मामलों में तेज़ी आई है। 2015 में ऐसे मामलों की संख्या 845 थी, जिसमें 18.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 29,000 से ज्यादा हो गई थी, और कुल नुकसान 177.05 करोड़ रुपये था। इस साल अभी तक 13,384 ऐसे मामले दर्ज हुए हैं और 107.21 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
कैसे हो रहे हैं साइबर ठगी के शिकार
वित्त मंत्रालय ने बताया कि अधूरी KYC वाले अकाउंट और फिशिंग अटैक्स जैसे तरीकों से लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा, होटल बुकिंग और कूरियर डिलीवरी के नाम पर भी कई स्कैम चलाए जा रहे हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें
- सोशल मीडिया पर दिख रहे आकर्षक विज्ञापनों का लालच न लें।
- अनजान या संदिग्ध व्यक्ति द्वारा भेजे गए मैसेज, ईमेल या फाइल्स पर भरोसा न करें और इनमें दिए गए लिंक पर कभी क्लिक न करें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी अनजान व्यक्ति से साझा न करें।
- बुकिंग और पूछताछ के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। पेमेंट करने से पहले हमेशा उसकी सत्यता जांच लें।
साइबर ठगी से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें और डिजिटल लेन-देन करते समय एतिहात बरतें।