गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। कंपनी ने अपनी Willow क्वांटम कंप्यूटिंग चिप पर Quantum Echoes नाम का एल्गोरिद्म डेवलप किया है, जो दुनिया के सबसे एडवांस सुपरकंप्यूटर की तुलना में कई हजार गुना तेज है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने बताया कि इस प्रदर्शन को दोहराया भी जा सकता है। इस तकनीक की मदद से दवाओं की खोज और मैटेरियल साइंस का काम तेजी से संभव होगा।
सुपरकंप्यूटर से 13,000 गुना तेज
नैचर जर्नल में प्रकाशित पेपर के अनुसार, गूगल का नया एल्गोरिद्म सबसे एडवांस सुपरकंप्यूटर से 13,000 गुना तेज है। अगले पांच सालों में इसे उपयोगी क्वांटम तकनीक के रूप में अपनाया जा सकेगा, जो मेडिसिन और मैटेरियल साइंस के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
Willow चिप पर चलने वाला Quantum Echoes एल्गोरिद्म न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस का उपयोग करके एटम्स के बीच इंटरैक्शन को समझ सकता है। इसका मतलब है कि दवाओं की खोज और नए मैटेरियल्स का विकास अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज होगा।
रियल वर्ल्ड ऐप्लिकेशन की दिशा में बड़ा कदम
सुंदर पिचई ने कहा कि यह रिजल्ट वेरिफाई किया जा सकता है, यानी अन्य क्वांटम कंप्यूटर पर भी ऐसे नतीजे प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने इसे क्वांटम कंप्यूटिंग की रियल वर्ल्ड ऐप्लिकेशन की दिशा में बड़ा कदम बताया। गूगल के इस ऐलान के बाद इसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में 2.4% की बढ़ोतरी देखी गई।
क्वांटम कंप्यूटर क्या होते हैं?
क्वांटम कंप्यूटर ट्रेडिशनल कंप्यूटर की तरह छोटे सर्किट का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन वे सीक्वेंस वाइज नहीं बल्कि पैरेलल तरीके से कैलकुलेशन करते हैं। इस वजह से उनकी स्पीड कई गुना अधिक होती है। कई कंपनियों ने ऐसे क्वांटम सिस्टम बनाने का दावा किया है जो ट्रेडिशनल कंप्यूटर को पीछे छोड़ दें, लेकिन असली चुनौती हमेशा असली जीवन में इसके उपयोग को लेकर होती है।
