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मप्रः पर्यटकों के लिए “बेस्ट होम-स्टे डेस्टिनेशन” बना प्रकृति की गोद में बसा गांव सावरवानी

Date : 13-Aug-2024

  होम-स्टे करना है तो पर्यटन ग्राम सावरवानी जरूर आइए 

भोपाल, 12 अगस्त । शहर की भागदौड़ और कोलाहल से दूर प्रकृति की गोद में बसे किसी गाँव में होम-स्टे करना हो तो अपने मध्यप्रदेश में बेहद सुन्दर लोकेशन मौजूद है। कुछ समय पहले तक गुमनामी में डूबा एक गाँव अब देश-प्रदेश के होम-स्टे आकांक्षियों के लिये “बेस्ट होम-स्टे डेस्टिनेशन” बन गया है। बात हो रही हैं छिंदवाड़ा जिले के जनजातीय ब्लॉक तामिया के पर्यटन ग्राम सावरवानी की, जो आजकल खासा ट्रेन्ड में है। मध्यप्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की “होम- स्टे” परिकल्पना से विकसित किये गये सावरवानी गाँव में इन दिनों मध्यप्रदेश के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों के पर्यटक केवल ये देखने के लिए आ रहे हैं कि इस गाँव में रहना कितना आनंददायी है। यहाँ गाँव की जनजातीय बालिकाएं इसी होम-स्टे के बारे में गाईड और संचालक के रूप में कार्य कर रही है।

जनसम्पर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने सोमवार को बताया कि मप्र टूरिज्म बोर्ड ने इस गाँव के होम-स्टे को मॉडल के रूप में विकसित किया है। होम-स्टे करने वाले पर्यटक यहाँ दी जा रही बेहतरीन सुविधाओं की तारीफ करते नहीं थकते। हाल ही में तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्य के “होम-स्टे सुविधा प्रदाता” सावरवानी में दी जा रही सुविधाओं की केस स्टडी करने आये थे। बीते दिनों छिन्दवाड़ा जिले के धूसावानी के होम-स्टे संचालक तीन दिन के प्रशिक्षण पर सावरवानी आये। सहयोगी संस्था सतपुड़ा सेल्फ रिलायंट फॉर्मर के साथ रिस्पांसिबल ग्राम अंचल पर्यटन जागरूकता समिति धूसावानी के सदस्यों ने सावरवानी की होम-स्टे एक्टिविटी देखी और यहां रुके पर्यटकों से रीयल टाईम फीडबैक लिया।

उन्होंने बताया कि खरगोन, छतरपुर, बालाघाट, बैतूल, नर्मदापुरम व अन्य जिलों से कई एक्सपोज़र ग्रुप्स भी सावरवानी का विजिट करके जा चुके हैं। वे यहाँ होम स्टेयर्स (पर्यटकों) को दिए जा रहे घरेलू भोजन, सुविधाओं और अन्य मनोरंजन गतिविधियों को देख कर प्रसन्नता व्यक्त की। इन एक्सपोजर ग्रुप्स ने तय किया कि वे अपने गांव के होम-स्टे को भी सावरवानी मॉडल जैसा ही बनाएंगे, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और पर्यटक खुद को सुरक्षित भी महसूस करें।

होम-स्टे आकांक्षियों को सावरवानी मॉडल दिखाने में मध्यप्रदेश टूरिज्म डेवलपमेन्ट बोर्ड की 'रिस्पांसिबल टूरिज्म' अवधारणा सफल रही। जनजातीय बहुल इस पर्यटन ग्राम में इन दिनों विकास के कई काम चल रहे हैं। इन होम-स्टे में शुचिता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पर्यटकों को यहाँ तक पहुँचने और रहने में कोई असुविधा न हो, इस पर खासी मेहनत की जा रही है। पर्यटकों को विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है ताकि वे ज्यादा दिन स्टे करें। आज कल सावरवानी के सारे होम-स्टे पर्यटकों से भरे रहते हैं।

यहाँ पर्यटकों के लिये नया क्या?

यहां प्रकृति की सुरम्य वादियों के बीच होम-स्टे के लिये मिट्टी के घर (मड हाउस) बने हैं। पर्यटक मात्र तीन हजार रुपये रोजाना की दर से (2 वयस्क और एक अवयस्क बच्चे के साथ) यहाँ रह सकते हैं। दोनों वक्त का भोजन एवं चाय नि:शुल्क मुहैया कराई जाती है। रात में गांव के लोकल ट्राईबल ग्रुप द्वारा शैला लोकनृत्य से पर्यटकों का मनोरंजन किया जाता है। गांव में सतधारा झरना भी है। पास के अनहोनी गांव में गर्म पानी के कुण्ड का विजिट भी पर्यटकों के लिये प्रमुख आकर्षण का विषय है।

मान्यता है कि यहां के पानी को त्वचा में लगाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। गांव के निकट ही एक मौनी बाबा की पहाड़ी है। पर्यटकों को इस पर ट्रेंकिंग भी कराई जाती है। जनजातीय बालिकाएं पर्यटकों को गाईड करती हैं। सावरवानी में कुल 67 होम-स्टे बनने हैं। अब तक सात प्रारंभ हो चुके हैं। मप्र टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की 'महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन योजना' के तहत संचालित इन होम-स्टे को पर्यटकों को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। सैकड़ों पर्यटकों से मिल रही सराहना से यहाँ के होम-स्टे संचालक बेहद उत्साहित हैं।

 

 
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