जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आगामी अमरनाथ यात्रा के मद्देनज़र सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम करते हुए तीर्थस्थल तक जाने वाले सभी मार्गों को नो-फ्लाइंग ज़ोन घोषित कर दिया है। यह आदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा जारी किया गया है, जिसके तहत 1 अगस्त से 10 अगस्त तक ड्रोन, यूएवी, पैराग्लाइडर, गुब्बारे जैसे किसी भी प्रकार के उड़ान उपकरणों की अनुमति नहीं होगी।
यह प्रतिबंध पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर लागू होगा। हालांकि, यह आदेश चिकित्सा निकासी, आपदा प्रबंधन या सुरक्षा बलों की निगरानी गतिविधियों पर लागू नहीं होगा।
उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने श्रीनगर में पुलिस मुख्यालय में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक का उद्देश्य यात्रा मार्गों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए ठोस रणनीति तैयार करना था। अधिकारियों ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच पूर्ण समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
यात्रा का कार्यक्रम
अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 अगस्त से शुरू होकर 9 अगस्त, रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी। यह यात्रा हिमालय में स्थित 3,888 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर तक जाती है, जहां लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर वर्ष कठिन यात्रा करते हैं।
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए बहु-स्तरीय योजनाएं तैयार की हैं। नो-फ्लाइंग ज़ोन की घोषणा और उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा इस बात का संकेत है कि सरकार किसी भी संभावित खतरे को लेकर सजग और तैयार है।
