उज्जैन। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवन महाकालेश्वर के मंदिर में दीपावली के बाद आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है। रविवार को देशभर से आए करीब दो लाख भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। वहीं, कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार, 04 नवंबर को भगवान महाकाल की कार्तिक मास की पहली सवारी निकलेगी। इस दौरान अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि श्रावण- भाद्रपद माह की तरह भगवान महाकाल की कार्तिक माह की पहली सवारी सोमवार को सभामंडप में पूजा-अर्चना के बाद शाम 4 बजे सवारी की शुरुआत होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। इस बार कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकलेंगी।
उन्होंने बताया कि सवारी में भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी मे पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, जहां मॉ क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
दीपावली महापर्व संपन्न होने के बाद प्रतिवर्ष गुजरात, महाराष्ट्र तथा देश के अन्य प्रदेशों से हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आते हैं। इस बार भी शनिवार से दर्शनार्थियों का उज्जैन पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। रविवार को भाईदूज व अवकाश का दिन होने से स्थानीय के अलावा आसपास के शहरों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। तड़के 4 बजे भस्म आरती से ही मंदिर में भीड़ उमड पड़ी थी। भस्म आरती में 10 हजार से अधिक भक्तों ने चलायमान दर्शन किए। इसके बाद से लगातार दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती गई।
भारी भीड़ को देखते हुए दोपहर में प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ अधिकारियों के साथ दर्शन व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने फैसिलिटी सेंटर के जिगजेग, महाकाल टनल तथा महाकाल महालोक में विभिन्न पाइंटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को मुस्तैद रहने तथा निर्धारित द्वारों से अधिकृत लोगों को ही प्रवेश देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी के दबाव में नहीं आएं तथा अनाधिकृत प्रवेश को सख्ती से रोकें। आम भक्तों से अच्छा व्यवहार करें, भक्तों को सुविधापूर्वक दर्शन कराएं तथा उनकी परेशानियों का उचित निराकरण करें। आवश्यकता पड़ने पर वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन भी ले सकते हैं। अभी एक सप्ताह तक भीड़ की स्थिति बनी रहने का अनुमान है।