प्रयागराज के महाकुंभ में डिजिटल खोया-पाया केंद्र हज़ारों श्रद्धालुओं, ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों को उनके परिवारों से मिलवा रहे हैं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि मेला क्षेत्र में खोए हुए श्रद्धालुओं को उनके प्रियजनों से मिलाने के लिए दस डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं। 13 हज़ार से ज़्यादा बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवारों से सफलतापूर्वक मिलाया गया है, जिनमें से 64 प्रतिशत महिलाएँ थीं।
डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम, मशीन लर्निंग और बहुभाषी समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। आकाशवाणी समाचार से बात करते हुए एक महिला कांस्टेबल ने बताया कि अपने परिवार से बिछड़े हुए पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग-अलग होल्ड रूम बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें मनोवैज्ञानिक परामर्श भी दिया जा रहा है।
इन केंद्रों में होल्डिंग रूम के अलावा खाद्य सामग्री, चिकित्सा कक्ष, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, ताकि किसी भी व्यक्ति को असुविधा न हो। उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और यूनिसेफ सहित विभिन्न गैर-सरकारी संगठन इन डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।