उत्तराखंड के नैनीताल शहर में स्थित नैनी झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मनोहर दृश्यों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह झील न केवल नैनीताल का प्रमुख पर्यटन स्थल है, बल्कि इसे इस शहर की पहचान भी माना जाता है। पहाड़ों से घिरी और चारों ओर हरियाली से सज्जित यह झील करीब 1.5 किलोमीटर लंबी और 0.5 किलोमीटर चौड़ी है, जो पर्यटकों को एक शांत और मनोरम वातावरण प्रदान करती है।
नैनी झील के किनारे नौका विहार (बोटिंग), पैदल मार्ग, कैफे और टहलने के लिए सुंदर रास्ते उपलब्ध हैं, जो इसे परिवार और दोस्तों के साथ बिताने के लिए आदर्श स्थल बनाते हैं। इसके अलावा, झील का धार्मिक महत्व भी है। इसका नाम स्थानीय देवी 'नैनी' से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण झील के आस-पास कई धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं। झील के आसपास की ठंडी और स्वच्छ हवा विशेष रूप से गर्मियों में पर्यटकों के लिए राहत देने वाली होती है।
नैनीताल में प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या नैनी झील की सुंदरता का आनंद लेने के लिए भी यहां पहुंचती है। 2018 के आंकड़ों के अनुसार, नैनीताल में लगभग 9.33 लाख पर्यटक आए थे। नैनी झील पर नौका विहार, फोटोग्राफी और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। एक दिन में यहां 400 से अधिक पर्यटक पारंपरिक पोशाक में फोटो खिंचवाते भी देखे जाते हैं।
पर्यटन के लिहाज से गर्मी के महीने (मार्च से जून) और छुट्टियों के दौरान नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि होती है, जबकि वर्षा और सर्दी के मौसम में यह संख्या कम हो जाती है। हाल ही में, नैनीताल नगर निगम ने झील में नौका विहार के लिए सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु टिकट खरीदते समय आधार कार्ड और फोटो जमा करने का नियम भी लागू किया है, जिससे पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कुल मिलाकर, नैनी झील न केवल नैनीताल का प्रमुख आकर्षण है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को एक अनोखा और यादगार अनुभव भी प्रदान करती है। चाहे प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना हो या सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को महसूस करना, नैनी झील हर प्रकार के पर्यटक की अपेक्षाओं पर खरी उतरती है।
