बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भोपालपटनम विकासखंड के अर्जुनल्ली गांव में स्थित चिंतावागु नाले से हाल ही में एक अनोखी और विदेशी मछली पकड़ी गई है, जिसकी बनावट और आकृति ने ग्रामीणों को चकित कर दिया। इस मछली की पहचान 'प्लेको फिश' के रूप में हुई है, जो मूल रूप से दक्षिण अमेरिका की प्रजाति है।
इस मछली को गांव के विशेष कोरम, दिलीप यालम, यालम धर्मेया, गणेश जव्वा और वीरेंद्र गोटे ने उस समय पकड़ा, जब वे नाले में जाल बिछाकर मछलियाँ पकड़ रहे थे। शुरुआत में ग्रामीणों को यह किसी स्थानीय दुर्लभ प्रजाति की मछली लगी, लेकिन इसका सक्शन जैसा मुंह, कठोर त्वचा, और बाघ जैसी धारियों वाला शरीर देखकर वे हैरान रह गए। मछली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और लोग इसके अनोखे रूप से आकर्षित हो रहे हैं।
क्या है 'प्लेको फिश'?
प्लेको फिश को आम तौर पर एक्वेरियम में रखा जाता है क्योंकि यह काई और गंदगी साफ करने का काम करती है। इसके शरीर के निचले हिस्से में एक सक्शन माउथ (चूषक मुंह) होता है, जिससे यह चट्टानों और सतहों से चिपककर भोजन ग्रहण करती है।
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इसकी त्वचा बेहद कठोर होती है, जिससे इसे पकड़ना या मारना आसान नहीं होता।
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यह एक आक्रामक (इनवेसिव) प्रजाति की मछली मानी जाती है।
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यह स्थानीय मछलियों के अंडे खा जाती है और उनके भोजन को खत्म कर देती है, जिससे स्थानीय जैव विविधता को खतरा होता है।
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इसके प्राकृतिक शिकारी बहुत कम होते हैं, इसलिए यह तेज़ी से फैलती है और जल स्रोतों का पारिस्थितिक संतुलन बिगाड़ देती है।
चिंता का विषय
प्लेको फिश जैसे विदेशी जीवों का प्राकृतिक जलस्रोतों में पहुंचना जैविक असंतुलन की चेतावनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी प्रजातियाँ स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकती हैं। अब यह ज़रूरी हो गया है कि इस प्रकार की मछलियों की उपस्थिति पर निगरानी रखी जाए और यदि आवश्यक हो तो उचित नियंत्रण उपाय किए जाएं।