रानी की वाव गुजरात राज्य के पाटन में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। रानी की वाव विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित है। इस बावड़ी की वास्तुकला अनोखी है। यह बावड़ी भारत में प्राचीन समय में जल प्रबंधन का महत्व को दिखाती है। यह बावड़ी देखने में बहुत सुंदर लगती है। इस बावड़ी का चित्रण आपको 100 रुपए के नोट में भी देखने के लिए मिल जाता है। 2018 में इस बावड़ी का चित्रण 100 रुपए के नोट में किया गया है।
रानी की वाव 7 मंजिला है। बावड़ी में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। बावड़ी की दीवारों एवं स्तंभों में सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर अलग अलग पैटर्न देखने के लिए मिलते हैं। रानी की वाव का निर्माण 1063 ईसवी में सोलंकी राजवंश के राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में उनकी पत्नी उदयामती ने करवाया था। रानी उदयामती जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक खेगार की पुत्री थी। यह बावड़ी 900 साल पुरानी है। इस बावड़ी की सुंदरता को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इस बावड़ी को 2014 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है।
रानी की वाव 64 मीटर लंबी, 20 मीटर चौड़ी और 27 मीटर गहरी है। वाव का कुआं पश्चिमी छोर पर स्थित है। इस वाव की दीवारों में महिषासुर मर्दिनी, पार्वती, शिव प्रतिमाएं विभिन्न मुद्राओं में, भगवान विष्णु की प्रतिमाएं, भैरव, गणेश, सूर्य, कुबेर, लक्ष्मी नारायण, अष्टदिगपाल एवं अन्य मूर्ति अलंकृत है। अप्सरा, नागकन्या, योगिनी आदि नारी प्रतिमाओं की कई मुद्राओं में चित्रण किया गया है।
सदियों तक की यह वाव जमीन के भीतर दफन रही। कालांतर में सरस्वती नदी में आई बाढ़ एवं उपेक्षा के कारण इसे काफी क्षति पहुंची। बीसवीं शताब्दी के छठे दशक तक किसी को इस अलंकृत एवं प्रतिभा युक्त वाव के अस्तित्व की जानकारी नहीं थी, क्योंकि तब तक वाव के ऊपरी हिस्से को छोड़कर पूरी तरह मिट्टी एवं रेत से ढक चुकी थी। 1958 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यहां पर उत्खनन का कार्य प्रारंभ किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सतत प्रयास एवं उत्खनन के द्वारा मिट्टी में दबी हुई इस अमूल्य विश्वशिल्पी धरोहर को उसके वास्तविक स्वरूप में उजागर किया, जो प्रतिमाएं अपने मूल स्थान से अलग हो गई थी। उन्हें अत्यंत सावधानी पूर्वक स्थापना कर दिया गया। अपने नाम के अनुरूप ही रानी की वाव सर्वश्रेष्ठ है।
रानी की वाव में प्रवेश करने के लिए शुल्क लगता है। यहां पर बहुत बड़ा गार्डन है, जहां पर आप बैठ सकते हैं और इस जगह का आनंद ले सकते हैं। रानी की वाव घूमने के लिए आपको करीब एक से डेढ़ घंटा लग सकता है। यहां पर आकर आप बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। यह पाटन में घूमने लायक जगह है।