हल्दीघाटी और मानगढ़ धाम की माटी पहुंचेगी देश की छात्र शक्ति तक | The Voice TV

Quote :

बड़ा बनना है तो दूसरों को उठाना सीखो, गिराना नहीं - अज्ञात

Editor's Choice

हल्दीघाटी और मानगढ़ धाम की माटी पहुंचेगी देश की छात्र शक्ति तक

Date : 25-Nov-2022

जयपुर, 25 नवम्बर (हि. स)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जयपुर में शुरू हुए अधिवेशन में देशभर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं सहित नेपाल से भी प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इस अधिवेशन की खास बात यह है कि यहां से प्रतिभागियों को हल्दीघाटी और मानगढ़ से लाई गई बलिदानी माटी भी प्रदान की जाएगी जो उनके साथ पूरे देश के कोने-कोने में पहुंचेगी।

हल्दीघाटी और मानगढ़ धाम से बलिदानी माटी के साथ उदयपुर से आए विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जयेश जोशी ने बताया कि हल्दीघाटी के बारे में कौन नहीं जानता, यहां पर महाराणा प्रताप की सेना ने अकबर की सेना को धूल चटाई थी। मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए महाराणा प्रताप की सेना के कई वीर यहां बलिदान हुए। उनका प्रिय घोड़ा चेतक भी इसी वीरभूमि पर बलिदान हुआ। हल्दीघाटी की भूमि सभी के लिए पूजनीय है।

जोशी ने बताया कि मानगढ़ धाम आजादी के आंदोलन का सबसे बड़ा आदिवासी समाज का बलिदान स्थल है जहां गोविंद गुरु के आध्यात्मिक चेतना के आंदोलन के साथ अंग्रेजों के बहिष्कार का आंदोलन शुरू हो गया था। मानगढ़ धाम के आसपास रहने वाले आदिवासी समाज ने अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ हुंकार भरी थी। गोविंद गुरु के नेतृत्व में 17 नवम्बर 1913 में जब यहां आध्यात्मिक आयोजन हो रहा था तो अंग्रेजी सरकार ने गोलियां चलवा दीं, इसमें 1500 से अधिक आदिवासी समाज के लोग बलिदान हो गए।

यह दोनों ही स्थल मातृभूमि की रक्षार्थ बलिदान हुतात्माओं का स्मरण कराते हैं। इन दोनों स्थानों की माटी जब देश के कोने कोने में पहुंचेगी तो न केवल मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए बलिदान होने वाले उन महापुरुषों की गाथाएं सभी के पास पहुंचेगी, अपितु युवाओं में राष्ट्र के प्रति सर्वस्व अर्पण का भाव भी जगेगा।

हिंदुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप

 
 
 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload

Advertisement









Advertisement