देश-दुनिया के इतिहास में 06 दिसंबर की तारीख तमाम अच्छी-बुरी यादों, बातों और घटनाओं के रूप में दर्ज है। इस तारीख को यह भी दर्ज है कि भारत का हिंदू स्वाभिमान जागा और अयोध्या में रामजन्म भूमि के पवित्र स्थान पर स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे पर खड़े होकर हजारों कारसेवकों ने जय श्रीराम का उद्घोष कर कहा-मंदिर यहीं बनाएंगे। रामलला हम फिर आएंगे।
वो 6 दिसंबर, 1992 की तारीख है। इस घटनाक्रम से हर रामभक्त झूम उठा। दरअसल भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में आंदोलन शुरू किया था। और दो साल में इस आंदोलन ने हिंदू स्वाभिमान को जागृत किया। कहते हैं कि अयोध्या में मौजूद डेढ़ लाख से ज्यादा कारसेवकों ने सिर्फ पांच घंटे में बाबरी का ढांचा गिरा दिया। इस पर एफआईआर दर्ज हुई और 49 लोग आरोपित किए गए। आरोपितों में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, कमलेश त्रिपाठी जैसे भाजपा और विहिप के नेता शामिल थे। और यह सभी नेता 28 साल बाद बरी कर दिए गए। फैसले के वक्त तक 49 में से 32 आरोपित ही बचे थे, बाकी 17 आरोपितों का निधन हो चुका था। इस पर सुप्रीम कोर्ट जमीन के मालिकाना हक को लेकर फैसला सुना चुका है। यह फैसला राम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में आया था। मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन अलग से देने का आदेश दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कर चुके हैं। इस समय तेजी से मंदिर निर्माण का काम चल रहा है।