छत्तीसगढ़ विशेष आलेख:- एक पेड़ माँ के नाम
Date : 26-Sep-2024
"एक पेड़ माँ के नाम" एक खूबसूरत विचार है। पेड़ हमें जीवन देते हैं, जैसे माँ हमें प्यार और देखभाल देती हैं। हम पेड़ के माध्यम से माँ के प्रति अपनी भावना को व्यक्त कर सकते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 जून को बुद्ध जयंती पार्क, नई दिल्ली में पीपल का पौधा लगाकर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत की। प्रकृति के पोषण के लिए धरती माता और मानव जीवन के पोषण के लिए हमारी माताओं के बीच समानता दर्शाते हुए पीएम मोदी ने दुनिया भर के लोगों से अपनी माँ के प्रति प्रेम,आदर और सम्मान के प्रतीक के रूप में एक पेड़ लगाने और धरती माता की रक्षा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
केंद्र और राज्य सरकार के विभाग भी ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के लिए सार्वजनिक स्थानों की पहचान करेंगे। गौरतलब है कि इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भूमि क्षरण को रोकना और उलटना, सूखे से निपटने की क्षमता विकसित करना और मरुस्थलीकरण को रोकना का मुख्य उद्देश्य है।
माँ, तू है मेरे जीवन का आधार,
तेरी छांव में मिलती है सुकून का विस्तार।
जैसे पेड़ की जड़ें गहरी हैं,
तेरे प्यार की छाया कभी ना ढीली है।
फूलों की महक में तेरा नाम है,
हर पत्ते में बसी तेरी चाहत का धाम है।
बरसात में जब बूंदें गिरें,
तू ही मेरी राहत, तू ही मेरा नीर।
तेरे बिना सूना है हर एक आँगन,
जैसे बिना पेड़ के हो बंजर का संगन।
माँ, तेरा क़र्ज़ कभी ना चुकाऊँगा,
एक पेड़ लगाकर तेरा नाम लिखाऊँगा।
इस अभियान के साथ इस साल सितंबरके अंत तक 80 करोड़ और मार्च, 2025 तक 140 करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए “संपूर्ण सरकार” और “संपूर्ण समाज” नीति का पालन किया जाएगा। ये पेड़ पूरे देश में व्यक्तियों, संस्थाओं, समुदाय आधारित संगठनों, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जा रहे है |
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी राज्य में पर्यावरण संरक्षण एवं हरीतिमा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ अभियान चलाया है । महात्मा गांधीने कहा है “खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं” इस वाक्य को मुख्यमंत्री विष्णु देव सक्षात प्रमाणित करते हुए अपने निवास कार्यालय परिसर रायपुर में दहीमन का पौधा लगाने के साथ ही प्रदेशवासियों से अपनी मां के नाम एक पेड़ लगाए जाने का आव्हान किया। इस अवसर पर मंत्री व विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं स्कूली बच्चे मौजूद थे। दहीमन का पौधा सरगुजा अंचल में बहुतायत रूप से मिलता है। औषधीय गुणों से भरपूर और यह कई बीमारियों के इलाज में यह उपयोगी है।
छत्तीसगढ़ राज्य में वन एवं पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार से अधिक पौधों के रोपण किया जा रहा है, जिसमें से 2 करोड़ 82 लाख 35 हजार पौधों का रोपण किसान वृक्ष मित्र योजना के अंतर्गत हो रहा है। राज्य में अब तक सवा करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया जा चुका है। वही भारत सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक पेड़ माँ के नाम के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए 7.5 लाख स्कूलों में इको-क्लब को प्रेरित किया है। इसी के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सभी पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण एवं आजीविका कार्यक्रम वृक्षारोपण के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा ‘एक पेड़ माँ के नाम’ की विषय के अंतर्गत वृक्षारोपण प्रयासों को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से शामिल होंगे |
पेड़ लगाने के इस संकल्प से हम अपने वायुमंडलीय, जलवायु परिवर्तन, मिट्टी का संरक्षण के साथ- साथ जलस्रोतों की कमी को भी दूर कर सकते हैं। यह अभियान न केवल हमारी भावना को व्यक्त करेगा, बल्कि सतत प्रयास से पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान देगा।