मंदिर श्रृंखला:- मुंडेश्‍वरी मंदिर | The Voice TV

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मंदिर श्रृंखला:- मुंडेश्‍वरी मंदिर

Date : 14-Oct-2024

बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ गाँव में पंवरा पहाड़ी पर स्थित मुंडेश्वरी मंदिर, जिसकी ऊँचाई लगभग 600 फीट है। पुरातत्वविदों के अनुसार यहाँ से प्राप्त शिलालेख 389 0 के बीच का है जो इसके प्राचीनतम समय की अनुभूति कराती है | यह मंदिर नागर शैली की वास्तुकला का सबसे पुराना उदाहरण है | मुण्डेश्वरी भवानी मंदिर की नक्काशी और मूर्तियाँ उत्तरगुप्तकालीन है और यह मंदिर अष्टकोणीय आकार में पुराने पत्थरों से बना हुआ है।


इस मंदिर के पूर्वी खंड में देवी मुण्डेश्वरी की पत्थर से भव्य प्राचीन मूर्ति मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर के मध्य भाग में पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है , जिस पत्थर से यह पंचमुखी शिवलिंग निर्मित किया गया है उसमे सूर्य की स्थिति के साथ - साथ पत्थर का रंग परिवर्तन भी होता है |

मुख्य मंदिर के पश्चिम में पूर्व की ओर मुंह किए हुए विशाल नंदी की मूर्ति है, जो आज भी अक्षुण्ण है। मान्यता के अनुसार यहाँ पशु बलि में बकरा तो चढ़ाया जाता है परंतु उसका वध नहीं किया जाता है बलि की यह सात्विक परंपरा पुरे भारतवर्ष में अन्यत्र कहीं नहीं है।

इस मंदिर को सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर अपनी महिमा और गरिमा के लिए विख्यात है। वैसे तो यहाँ वर्ष भर श्रधालुओं की भीड़ उमड़ती है परन्तु रामनवमी और शिवरात्रि के त्यौहार में प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के आते है | यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है।

रहस्यमय मंदिर माँ मुंडेश्वरी धाम का आश्चर्यजनक बात यह है की यहां बिना रक्त बहाये ही बकरे की बलि चढ़ जाती है मान्यता है कि यहाँ आप माता की मूर्ति पर अधिक देर तक दृष्टि नहीं डाल सकते |

 
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