प्रेरक प्रसंग:- धर्म से बचने का बहाना | The Voice TV

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सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

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प्रेरक प्रसंग:- धर्म से बचने का बहाना

Date : 15-Oct-2024

राजर्षि जनक के आध्यात्मिक उपदेश से सभासदगण बड़े प्रभावित हुए | सभी ने धर्म एवं धार्मिक जीवन कि भूरि-भूरि प्रशंसा की  | इतने में एक सज्जन खड़े होकर बोल उठे, “राजन, मुझे गृहस्थी ने इस तरह बांध रखा है कि मैं धर्मकार्य के लिए समय निकल ही नहीं पाता हूँ |” यह सुनकर सब चुप हो गए |

तभी जनकजी कहने लगे, “सज्जनों! मैं उठना चाहता हूँ, किन्तु मुझे सिंहासन ने पकड़ रखा है, इसलिए मैं उठा नहीं पा रहा हूँ |” यह सुन वही सज्जन कहने लगे, “श्रीमान, यह कैसे संभव हो सकता है कि सिंहासन किसी को पकड़ ले |” जनकजी तुरंत बोल उठे, “तब यह भी कैसे संभव हो सकता है कि गृहस्थी ने आपको पकड़ रखा है ? गृहस्थी में मोह आपने लगा रखा है और आप बहाना बनाते हैं, कि गृहस्थी ने आपको पकड़ रखा है |” अब उन सज्जन का समाधान हो चूका है | 

 
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