चाणक्य नीति:- इनसे ये चीजें नष्ट हो जाती हैं | The Voice TV

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चाणक्य नीति:- इनसे ये चीजें नष्ट हो जाती हैं

Date : 04-Dec-2024

आलस्योपहता विद्या परहस्तं गतं धनम |

अल्पबीजहतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम ||

यहां आचार्य चाणक्य कौन किससे नष्ट होता है – इसकी चर्चा कहते हुए कहते हैं कि आलस्य से विद्या नष्ट हो जाती है | दूसरे के हाथ में जाने से धन नष्ट हो जाता है | कम बीज से खेत तथा बिना सेनापतिवाली सेना नष्ट हो जाती है |

अभिप्राय यह है कि आलसी व्यक्ति विद्या की रक्षा नहीं कर सकता, वह स्वाध्याय - मनन से दूर होता है | दूसरे के हाथ में गया धन आवश्यकता के समय मिल नहीं पाता क्योंकि दूसरा व्यक्ति समय पर उसे लौटा नहीं पाता | खेत में थोड़ा बीज डालने से फसल भरपूर नहीं होती क्योंकि जितना बीज डाला जायेगा उसी अनुपात में तो फसल होगी | और सेनापति के बिना सेना रणनीति निर्धारित नहीं कर पाती | स्पष्ट है कि विद्या के लिए परिश्रम अपेक्षित है, धन वही है जो अपने अधिकार में हो, अपने पास हो | फसल तभी अच्छी होती जब बीज उत्तम और पर्याप्त मात्रा में डाला जाएगा | और सेना वही जीतेगी, जिसका संचालन कुशल सेनापति के हाथों में होगा | ये बातें ध्यान देने योग्य हैं |

 
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