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छत्तीसगढ़ विशेष आलेख:- विष्णुदेव साय: चना उपार्जन और NeML ई-ऑक्शन मंच में क्रांतिकारी योगदान

Date : 06-Dec-2024

विष्णुदेव साय भारतीय प्रशासन और सार्वजनिक नीतियों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम रहे हैं। उनकी विचारधारा और नीतियाँ हमेशा समाज के अंतिम व्यक्ति तक समृद्धि और विकास पहुँचाने की ओर केंद्रित रही हैं। विशेषकर, उनके योगदान के बारे में बात करते हुए, जो उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार और किफायती खाद्य वितरण के लिए किया, वह केवल राज्य के नागरिकों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ।

भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद वर्गों को सस्ती दरों पर खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करना है। यह योजना राज्य और केंद्र सरकार के मिलेजुले प्रयासों के तहत चलती है, और विशेष रूप से चना जैसे खाद्य पदार्थों की उपार्जन व्यवस्था का बहुत बड़ा योगदान है। इस संदर्भ में, विष्णु देव साय ने जिस तरह से छत्तीसगढ़ राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से चना उपार्जन के कार्यों को प्रबंधित किया और NeML (National e-Marketplace Limited) मंच  के माध्यम से इसे सुगम बनाने का कदम उठाया, वह उनके दूरदर्शिता और नेतृत्व की एक मिसाल है।

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विष्णुदेव साय ने हमेशा पारदर्शिता और उचित निगरानी पर जोर दिया। उनकी नीति थी कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उपार्जन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए। NeML (National e-Marketplace Limited) -ऑक्शन मंच  को लागू करने का विचार यही था कि इससे किसानों और उत्पादकों को बाजार मूल्य के अनुरूप उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और भ्रष्टाचार का स्तर कम हो। 

NeML मंच, जो एक ऑनलाइन बिडिंग प्रणाली है, ने चना उपार्जन को डिजिटल रूप से संचालित करने में मदद की। इस प्रणाली में किसी भी विक्रेता को अपनी कीमत तय करने और पंजीकरण करने के लिए आसानी से एक मंच उपलब्ध होता है, और ग्राहक (जैसे कि राज्य सरकार) इस पर खुले तौर पर बोलियां लगा सकते हैं। इससे केवल मध्यस्थों की संख्या कम हुई, बल्कि खरीद प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनी।

विष्णुदेव साय का यह निर्णय, जो चना उपार्जन के लिए एक ऑनलाइन मंच की शुरुआत करता है, छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। यह कदम उन किसानों और व्यापारी वर्ग के लिए भी लाभकारी साबित हुआ, जो इस मंच  के माध्यम से अपने उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचने में सक्षम हुए।

किसानों के लिए फायदेमंद निर्णय- चूंकि चना एक प्रमुख कृषि उत्पाद है और छत्तीसगढ़ राज्य में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है, विष्णुदेव साय ने किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनकी नीतियों के अंतर्गत, NeML के मंच  के माध्यम से चना उपार्जन की प्रक्रिया से किसानों को न केवल सही मूल्य मिला, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इस प्रणाली से किसानों को उनके उत्पाद के लिए पूरी तरह से पारदर्शिता और निष्पक्षता का अनुभव हो।

इसके साथ ही, इस -ऑक्शन मंच  के माध्यम से किसानों को मंडी के बाहर अपने उत्पादों को सीधे राज्य सरकार या निजी खरीदारों को बेचने का अवसर मिला। इससे किसानों के लिए समय और श्रम की बचत हुई और उनका उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुँचा, जिससे उनका लाभ बढ़ा।

राज्य के लिए आर्थिक लाभ और प्रबंधन में सुधार-जब कोई राज्य अपनी आवश्यक खाद्य सुरक्षा के लिए चना जैसे महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों का संग्रहण करता है, तो यह उसकी आर्थिक स्थिरता और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विष्णुदेव साय ने यह सुनिश्चित किया कि चना उपार्जन का समुचित प्रबंधन किया जाए ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कम से कम कमी हो और जरूरतमंद परिवारों तक सही समय पर उचित कीमत पर चना पहुँच सके।

NeML मंच  के माध्यम से चना के उपार्जन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के कारण सरकार को सस्ती दरों पर अच्छे गुणवत्ता वाले चने की प्राप्ति हुई। इससे सरकारी खजाने पर दबाव कम हुआ और जनता को लाभ मिला। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया गया कि चना की गुणवत्ता और मात्रा पर कोई समझौता हो, जिससे उपभोक्ता को अच्छे उत्पाद मिल सकें।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुधार-विष्णुदेव साय के कार्यकाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी कई महत्वपूर्ण सुधार हुए। यह प्रणाली एक अहम घटक है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। चना जैसे खाद्य पदार्थों का उपार्जन और वितरण, जिनकी अत्यधिक आवश्यकता होती है, यह सुनिश्चित करता है कि गरीबों तक आवश्यक वस्तुएं सस्ती दरों पर पहुँच सकें। 

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विष्णुदेव साय ने इस प्रणाली को और अधिक सक्षम बनाने के लिए कई अन्य पहल कीं, जैसे कि वितरण केंद्रों की निगरानी, भंडारण क्षमता को बढ़ाना, और वितरण प्रक्रिया को डिजिटलीकरण द्वारा बेहतर बनाना। यह सभी कदम उनके नेतृत्व और प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया।

विष्णुदेव साय का कार्य और उनके निर्णय यह साबित करते हैं कि प्रशासनिक सुधार और डिजिटल तकनीक के सम्मिलन से राज्य की व्यवस्था को पारदर्शी, कारगर और किसानों आम नागरिकों के लिए अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है। विशेष रूप से चना उपार्जन जैसे मुद्दे पर उनका कदम महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने केवल खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा दिया बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों के विकास को भी ध्यान में रखा।

उनके योगदान से यह स्पष्ट होता है कि जब प्रशासनिक नीतियाँ और तकनीकी पहल एक साथ आती हैं, तो उनका प्रभाव समाज के सबसे निचले वर्ग तक पहुँच सकता है। विष्णुदेव साय का यह नेतृत्व छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए एक स्थायी धरोहर बन चुका है, और उनका उदाहरण आज भी पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है।

 
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