भारतीय सेना दिवस | The Voice TV

Quote :

तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

Editor's Choice

भारतीय सेना दिवस

Date : 15-Jan-2023

सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्ताँ को बयान करता है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने-कोने में शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ भारतीय सेना की मुख्य उपलब्धियों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

भारत के इतिहास में 15 जनवरी के दिन का ख़ास महत्व है। इस दिन भारत की एकता, अखंडता एवं रक्षा के लिए 24 घंटे तत्पर रहने वाली भारतीय सेना के शौर्य एवं सम्मान हेतु भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना का देश के नागरिको के दिल में हमेशा से ही ख़ास स्थान रहा है। अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए भी देश की रक्षा के लिए अपना सर्वश्व न्यौछावर करने वाली भारतीय सेना के वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान को नमन करने हेतु Indian Army Day का आयोजन किया जाता है। सेना दिवस के अवसर पर सभी सैन्य मुख्यालयों में परेड एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह दिवस भारत के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण दिवस है।

सेना दिवस

भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।

इतिहास

15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब देश भर में व्याप्त दंगे-फसादों तथा शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल था।इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा।इसके पश्चात एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया, ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।परन्तु भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे|उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास था। उसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।[5] के एम करिअप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। उन्होंने साल 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।

जाने के. एम. करिअप्पा के बारे में

भारतीय सेना के प्रथम भारतीय अध्यक्ष के रूप में प्रसिद्ध लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा (K. M. Cariappa) का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक राज्य के कुर्ग प्रांत में हुआ था। इन्हे बचपन में चिम्मा के नाम से भी जाना जाता था। प्रारम्भ से ही सेना में जाने की रुचि रखने वाले के. एम. करिअप्पा द्वारा अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के पश्चात कॉलेज के दिनों में सेना में भर्ती के लिए आवेदन किया गया जहाँ उनका चयन हो गया। वर्ष 1920 में सेना में अस्थायी एवं वर्ष 1922 में स्थायी कमीशन प्राप्त करने के पश्चात वे नियमित रूप से अपनी सेवाएँ देने लगे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ब्रिटिश इंडियन आर्मी में विभिन महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया एवं अपनी प्रतिभा को साबित किया।

भारत की स्वतंत्रता के पश्चात 15 जनवरी 1949 को उन्होंने भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। इस पद पर नियुक्त होने वाले वे प्रथम भारतीय थे। के. एम. करिअप्पा के सम्मान में ही प्रतिवर्ष 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है।

के. एम. करिअप्पा की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

भारत के प्रथम भारतीय सेना अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा द्वारा अपने कार्यकाल में विभिन महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की गयी है। यहाँ आपको लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करिअप्पा द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-

·         1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व

·         ब्रिटिश सेना की किसी बटालियन को कमांड करने वाले प्रथम भारतीय

·         द्वितीय विश्व युद्ध में हायर आर्मी अफसर के रूप में कार्य

·         भारत के प्रथम फील्ड मार्शल

भारतीय सेना:

·         भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई, जो बाद में 'ब्रिटिश भारतीय सेना' और अंततः स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सेना बन गई।

·         भारतीय सेना की स्थापना लगभग 126 साल पहले अंग्रेज़ों ने 1 अप्रैल, 1895 को की थी।

·         भारतीय सेना को विश्व की चौथी सबसे सशक्त/मज़बूत सेना माना जाता है।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement