हिन्दू नववर्ष 2082 का आगाज रविवार, 30 मार्च को हुआ। इस नव संवत्सर का नाम कालयुक्त है, और इसमें ग्रहों के मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस साल चंद्रमा और बृहस्पति मंत्रिमंडल से बाहर होंगे, जबकि सूर्य नव संवत्सर के राजा के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। ग्रहों का नया मंत्रिमंडल कार्यक्षेत्र के बंटवारे के साथ सृष्टि संचालन में जुटेगा।
चतरा के जन्मकुंडली, वास्तु और कर्मकाण्ड के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि सूर्य के साथ-साथ मंत्री और जल स्वामी का पद भी सूर्य के पास रहेगा। नए साल में मंगल शरद उपज मंत्री होंगे, बुध खनिज पदार्थ, गृह उपज, और वित्त मंत्री का कार्यभार संभालेंगे, जबकि शुक्र रस पदार्थ के स्वामी होंगे। शनि को शाकफल का स्वामी बनाया गया है। इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र का वास समुद्र में होने के कारण भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।
आचार्य पाण्डेय के अनुसार, इस वर्ष भारत में दो चंद्र ग्रहण होंगे। पहला चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन होगा, जो पूरे भारत में दिखाई देगा, जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होगा। हालांकि, भारत में कोई सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा।
नव संवत्सर में रोहिणी नक्षत्र के समुद्र में रहने से वर्षा की अत्यधिक संभावना है। इस वर्ष के आषाढ़, सावन, भाद्रपद, और आश्विन महीनों में किसान खुश रहेंगे, क्योंकि इन महीनों में अच्छी बारिश की उम्मीद है।