विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में होता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना और वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं पर जागरूकता फैलाना है। पहली बार 7 अप्रैल 1950 को मनाए गए इस दिवस ने स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
प्रत्येक वर्ष एक विशिष्ट थीम होती है, जो किसी विशेष स्वास्थ्य मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे "मानसिक स्वास्थ्य" या "स्वास्थ्य में समानता"। डब्ल्यूएचओ का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो। हालांकि, कई गंभीर बीमारियाँ जैसे एड्स, कैंसर, हृदय रोग और मोटापा बढ़ रहे हैं, और कोरोना महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट को और गहरा किया है।
आज भी दुनिया की आधी आबादी को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, और करोड़ों लोग स्वास्थ्य देखभाल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भारत में भी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है, और इसे सुधारने के लिए जागरूकता और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। स्वास्थ्य का अधिकार एक मौलिक मानवाधिकार है, जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी वित्तीय बोझ के स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम 'स्वस्थ शुरुआत, आशावादी भविष्य' है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को वैश्विक स्तर पर बेहतर बनाना और विशेष रूप से आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन सुनिश्चित करना है।
'स्वस्थ शुरुआत, आशावादी भविष्य' का संदेश यह है कि स्वस्थ जीवनशैली और मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियाँ भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल और बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगी। इस थीम में बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है, क्योंकि उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पूरे समाज और राष्ट्र की प्रगति पर गहरा प्रभाव डालती है।
डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य संगठन इस दिन यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर हम आज से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं और सही कदम उठाते हैं, तो हम एक स्वस्थ और खुशहाल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। यह वैश्विक प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए है कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के हर चरण में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, और ये सेवाएं सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध हों।
इस वर्ष के विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक फिटनेस और समाज में समानता के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि हम एक समग्र और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें।