चाणक्य नीति :- सीख किसी से भी ले लें - गधे से- | The Voice TV

Quote :

तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

Editor's Choice

चाणक्य नीति :- सीख किसी से भी ले लें - गधे से-

Date : 04-Jun-2025

सुश्रान्तोऽपि वहेद् भारं शीतोष्णं न पश्यति ।

सन्तुष्टश्चरतो नित्यं त्रीणि शिक्षेच गर्दभात् ॥


यहां आचार्य चाणक्य गधे से सीखे जानेवाले गुणों की चर्चा करते हुए कहते हैं कि श्रेष्ठ और विद्वान् व्यक्तियों को चाहिए कि वे गधे से तीन गुण सीखें। जिस प्रकार अत्यधिक बका होने पर भी वह बोझ ढोता रहता है, उसी प्रकार बुद्धिमान् व्यक्ति को भी आलस्य न करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति और सिद्धि के लिए सदैव प्रयत्न करते रहना चाहिए, कर्तव्यपथ से कभी विमुख नहीं होना चाहिए। कार्यसिद्धि में ऋतुओं के सर्द और गर्म होने की भी चिन्ता नहीं करनी चाहिए। और जिस प्रकार गधा सन्तुष्ट होकर जहां-तहां चर लेता है, उसी प्रकार बुद्धिमान् व्यक्ति को भी सदा सन्तोष रखकर, फल की चिन्ता किए बिना, यथावत् कर्म में प्रवृत्त रहना चाहिए।

 

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement