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14 फरवरीः पुलवामा अटैक से हर भारतीय की आंख हुई नम

Date : 14-Feb-2023

भले ही हमले को बीते तीन साल हो चुके है लेकिन पुलवामा आतंकी हमले के तीन साल बाद आज भी देश को वो दिन याद है,

साल 2019 के फरवरी महीने की 14 तारीख ने देश को झकझोर कर रख दिया था। आज इस आतंकी घटना को दोपहर सवा तीन बजे एक साल पूरे हो रहे हैंइस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी थी। धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए। इसके बाद घात लगाए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी की। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

 पुलवामा आतंकी हमला 14 फरवरी, 2019 को दोपहर करीब 3:15 बजे हुआ. इस दौरान CRPF के 2500 जवानों के साथ 78 बसों का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था.

आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब हो गए और दोनों मुल्कों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया. 15 फरवरी, 2019 को विदेश मंत्रालय ने बताया कि हमले को पाकिस्तान द्वारा स्पोंसर किया गया था.

भारतीय सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए नियंत्रण रेखा  पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की.

पुलवामा आतंकी हमले के 18 महीने बाद अगस्त 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू की एक विशेष अदालत में 13,500 पन्नों की चार्जशीट दायर की. इसमें आतंकी हमले की प्लानिंग के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश के प्रमुख मसूद अजहरसहित 19 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया.

चार्जशीट में कहा गया है कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार 200 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी चला रहा था. इससे पता चलता है कि आतंकियों की साजिश बड़े धमाके को अंजाम देने की थी.

मसूद अजहर, उसके भाइयों अब्दुल रऊफ और अम्मार अल्वी और उसके भतीजे मोहम्मद उमर फारूक का नाम शामिल था. इन आतंकियों ने 2018 में भारत में घुसपैठ की थी. सेना ने हमले के बाद इन सभी को दक्षिण कश्मीर में मुठभेड़ में मार गिराया.

जहां आरोपी बनाए गए 19 लोगों में 12 कश्मीर के रहने वाले थे, जबकि 7 पाकिस्तानी नागरिक थे. पाकिस्तान के रहने वाले आतंकियों में मसूद अजहर अल्वी, रउफ असगर अल्वी, अम्मार अल्वी, कारी मुफ्ती यासिर, मोहम्मद इस्माइल, मुहम्मद उमर फारूक, कामरान अली शामिल थे.

शाकिर बशीर, इंशा जान, पीर तारिक अहमद शाह, वैज-उल-इस्लाम, मोहम्मद अब्बास राथर, बिलाल अहमद कुछे, मोहम्मद इकबाल राथर, समीर अहमद डार, अशाक अहमद नेंगरू, आदिल अहमद डार, सज्जाद अहमद भट और मुदासिर अहमद खान कश्मीर आतंकियों के रूप में नाम दर्ज था.

अमर हो गए जवान

पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के सभी 40 जवानों के नाम वाले स्मारक का उद्घाटन 14 फरवरी 2020 को पुलवामा के लेथपोरा शिविर में सीआरपीएफ के प्रशिक्षण केंद्र में किया गया था. स्मारक को पुलवामा हमले में शहीद सभी 40 सैनिकों के नाम और उनकी तस्वीरों और सीआरपीएफ के आदर्श वाक्य- "सेवा और निष्ठा" (सेवा और वफादारी) के साथ अंकित किया गया है. ये देश के प्रति सुरक्षा बलों के लगाव को दर्शाता है.

 
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