अशोक सिंघल भारतीय राजनीति और सामाजिक क्षेत्र के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे, जिन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी जयंती हर वर्ष 27 अगस्त को मनाई जाती है। उनके कार्य और विचार आज भी कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
सिंघल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख सदस्य और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष रहे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई। इस आंदोलन के दौरान उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि की पुकार को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और हिंदू समुदाय को एकजुट कर इसके लिए जोरदार अभियान चलाया।
अशोक सिंघल ने बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर वर्षों तक संघर्ष किया और धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए आंदोलन के अग्रणी नेता रहे। उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीति ने इस आंदोलन को देश भर में पहचान दिलाई। उन्होंने अहिंसा और न्याय की भावना के साथ इस संघर्ष को आगे बढ़ाया।
उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रीय सेवा का उदाहरण था। वे न केवल एक राजनीतिक नेता, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे, जिन्होंने सामाजिक एकता और सांस्कृतिक पुनरुद्धार के लिए लगातार काम किया। उनकी जयंती पर हमें उनके आदर्शों को याद करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
