हर साल दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की उस लीला की याद दिलाता है जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाया था।
गोवर्धन पूजा 2025 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 6 बजकर 26 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट तक पूजा करना शुभ रहेगा।
गोवर्धन पूजा पर क्या करें?
* घर के आंगन या मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।
* गोवर्धन आकृति के केंद्र में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र रखें।
* अन्नकूट या 56 भोग तैयार करें और भगवान को अर्पित करें। इसमें कढ़ी-चावल, बाजरा, माखन-मिश्री जरूर शामिल करें।
* गायों को स्नान कराएं, तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं और हरा चारा खिलाएं।
* इस दिन केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें।
* गोवर्धन पर्वत की आकृति की सात बार परिक्रमा करें और मंत्रों का जाप करें।
* यदि संभव हो तो वास्तविक गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करें।
* भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर जाकर दर्शन करें।
* शुभ रंग जैसे लाल, पीला या नारंगी वस्त्र पहनें।
गोवर्धन पूजा पर क्या नहीं करें?
* अमावस्या और गोवर्धन पूजा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
* पूजा के समय काले या नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
* घर के मुख्य द्वार या खिड़कियों को लंबे समय तक बंद न रखें।
* मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन और पकाना वर्जित है।
* पेड़-पौधों की कटाई इस दिन नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह प्रकृति को धन्यवाद देने का पर्व है।
गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह प्रकृति, अन्न और पशुओं के प्रति आभार जताने का पर्व है। यह भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और पर्यावरण के महत्व को भी दर्शाता है। इस दिन को पूरे श्रद्धा और पवित्रता के साथ मनाएं।
