मुकुंद
इस साल 13 दिसंबर को दिल्ली ही नहीं, उसके आसपास के शहर गैस चैंबर में तब्दील हो गए। यह तारीख साल के सबसे प्रदूषित दिनों के कैलेंडर में दर्ज हो गई। नोएडा में तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 455 तक पहुंच गया। नोएडा ही नहीं ग्रेटर नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद और पानीपत में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। यहां एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया। शिलांगवासी खुशकिस्मत रहे। उनके यहां की हवा सबसे साफ रही। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रहा। देश की राजधानी दिल्ली का एक्यूआई 431 तक पहुंच गया।
देश में वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी करने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 13 दिसंबर को 251 शहरों के आंकड़े भी जारी किए। इनके विश्लेषण में कहा गया कि महज 3.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है। 22.3 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है,।ज74.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इस तारीख को फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के लिहाज से ग्रेटर नोएडा (442) दूसरे जबकि दिल्ली (431) तीसरे स्थान रही। 430 अंकों के साथ गाजियाबाद चौथे स्थान पर रहा। पानीपत का एक्यूआई 426, हापुड़ और मेरठ का का 355 रहा।
देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही।
एक दिन पहले 12 दिसंबर को नोएडा में एक्यूआई 386 दर्ज किया गया था। 24 घंटे में 69 अंकों के उछाल से मेहनतकश लोग हांफने लगे। फिजाओं में घुला यह जहर लोगों बीमार बना देने के लिए काफी है। नोएडा में स्थिति किस कदर खराब रही, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित सुरक्षित मानकों से 2,900 फीसदी अधिक रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 13 दिसंबर को मात्र 3.6 फीसदी शहरों की हवा साफ रही। इन शहरों के इतर देश के छह शहरों में हवा साफ रही। इन शहरों में चिकमगलुरु, दमोह, कलबुर्गी, किशनगंज, कुंजेमुरा, शिलांग और तिरुनेलवेली शामिल हैं।
कई दफा कई तारीखें कभी न भूलने वाली बन जाती हैं। मसलन 21 दिसंबर की रात बेहद सर्द रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग 22 दिसंबर की दोपहर भविष्यवाणी की है कि जम्मू और कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बर्फबारी हो सकती है। यही नहीं बर्फीले तूफान का भी सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली-एनसीआर शीतलहर की चपेट में रहेंगे। घना कोहरा मुसीबत बढ़ा सकता है। तापमान गिरेगा। हवा की गुणवत्ता में सुधार के आसार नहीं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि इन दिनों उत्तर भारत का मौसम तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। पहाड़ों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और ठंड लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर रही है। इस बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ, उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम और अन्य मौसमी गतिविधियों को जवाबदेह माना जा रहा है। उत्तराखंड में दो तरह का मौसम है। यहां के मैदानी जिलों में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड लोगों को परेशान कर रही है। ऊंचाई वाले हिमालयी इलाकों में बर्फबारी हो रही है। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास, अटल टनल और शिंकू ला दर्रे पर हल्की बर्फबारी हुई है। निचले इलाकों में मौसम खराब बना हुआ है। शिमला, कुल्लू और मनाली में बादल छाए रहे।बिलासपुर और ऊना जैसे मैदानी जिलों में घना कोहरा देखा गया।
विभाग का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में आनेवाले दिनों में ठंड और कोहरे का असर और बढ़ेगा। दिल्ली में कोल्ड डे जैसी स्थिति बन बनने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 24 घंटों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों तक तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी संभव है। पूर्वी भारत में अगले तीन दिनों तक तापमान स्थिर रहने और बाद में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट के आसार हैं। मध्य भारत में अगले 24 घंटों में हल्की बढ़ोतरी के बाद तापमान गिर सकता है। महाराष्ट्र में भी अगले 24 घंटों में तापमान थोड़ा बढ़ने के बाद स्थिर रहने की उम्मीद है। देश के बाकी हिस्सों में अगले सात दिनों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में घने से बहुत घने कोहरे का अंदेशा जताया गया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में भी कुछ दिनों तक कोहरा रह सकता है। उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर शीतलहर चलने की आशंका है। उत्तराखंड, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, बिहार और उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर भी कोल्ड डे की स्थिति बन सकती है। वैसे आज यानी 22 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु गणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में ही रहा।
(लेखक, हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)
