सर्दियों में हाई यूरिक एसिड के मरीज की मुश्किलें सबसे ज्यादा बढ़ जाती हैं। ठंड के कारण हड्डियों में दर्द और अकड़न होने लगती है ऊपर से अगर यूरिस एसिड बढ़ जाए तो फिर दर्द के कारण चलना फिरना भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि डाइट से यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है। सर्जियों में ऐसी कई सब्जियां मिलती है जो हाई यूरिक एसिड को कम करने में मदद करती हैं। ऐसी ही सब्जी है टिंडा, जो स्वाद में काफी लौकी जैसा ही लगता है। यूरिक एसिड में डिंटा खाने से जोड़ों में जमा प्यूरीन आसानी से निकल जाता है। जानिए यूरिक एसिड में टिंडा खाने के फायदे और इसे कितने दिन खाने से आराम मिलेगा?
यूरिक एसिड को खाने से काबू करना है तो इसके लिए डाइट में लोग प्रोटीन और हाई फाइबर फूड शामिल करने जरूरी हैं। खाने में लौकी, तोरई और टिंडा की सब्जी जरूर शामिल करें। रोजाना इन सब्जियों के खाने से 1-2 महीने में ही शरीर में जमा यूरिक एसिड निकल जाएगा।
टिंडा खाने के फायदे
टिंडा खाने में भले ही लोगों को ज्यादा स्वादिष्ट न लगे, लेकिन टिंडा में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। टिंडा खाने से शरीर को विटामिन सी, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फास्फोरस, डाइट्री फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मिलते हैं। फाइबर रिच टिंडा खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। टिंडा खाने से कब्ज की समस्या भी दूर भाग जाती है।
हार्ट और ब्लड प्रेशन में फायदेमंद है टिंडा
पोटेशियम, मैग्नीशियम और मैग्नीज ज्यादा होने के कारण टिंडा हार्ट के लिए भी अच्छी सब्जी माना जाता है। टिंडा पानी से भरपूर सब्जी है जो वजन घटाने और शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करती है। इसके अलावा विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6 और विटामिन के ओवर ऑल हेल्थ में सुधार लाने मे मदद करते हैं। टिंडा खाने से किडनी फंक्शन में सुधार आता है और किडनी में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने वाली सब्जी है टिंडा
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो लगातार 1-2 महीने टिंडा खाने से आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। टिंडा के अलावा लौकी भी हाई यूरिए एसिड को तेजी से कम करती है। टिंडा और लौकी खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं और जोड़ों के दर्द में भी आपको आराम मिलेगा।