गर्मियों में माइग्रेन की समस्या अक्सर बढ़ जाती है, जिससे सिर में असहनीय दर्द होता है और रोज़मर्रा का काम करना मुश्किल हो जाता है। इस मौसम में शरीर में गर्मी बढ़ने से माइग्रेन की समस्या ट्रिगर हो सकती है। लेकिन अब एक ऐसा देसी हेल्थ ड्रिंक सामने आया है, जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करता है और साथ ही लू से भी बचाव करता है। आइए जानते हैं इस जूस के बारे में, जिसे न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने हाल ही में साझा किया है।
माइग्रेन क्या है?
माइग्रेन सिर में तीव्र दर्द का कारण बनता है, जो अक्सर सिर के एक हिस्से में महसूस होता है और यह कई दिनों तक परेशान कर सकता है। इसके कारण थकान, मतली, चिड़चिड़ापन और रोशनी के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह कोई सामान्य सिरदर्द नहीं होता, बल्कि एक गंभीर समस्या है जिसे दवाओं और सही लाइफस्टाइल से ही कंट्रोल किया जा सकता है।
माइग्रेन से राहत देने वाला देसी ड्रिंक
न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने इंस्टाग्राम पर एक जूस के बारे में बताया, जो माइग्रेन के दर्द को कम करने और गर्मी में ठंडक पहुंचाने के लिए बेहद प्रभावी हो सकता है। इस जूस को बनाने के लिए आपको कुछ साधारण सामग्री की जरूरत होगी:
सामग्री:
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1 आंवला
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4 तुलसी के पत्ते
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1 चम्मच धनिया के बीज (भिगोए हुए)
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1/2 खीरा
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1 चम्मच सौंफ के बीज (भिगोए हुए)
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कुछ पुदीने के पत्ते
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एक चुटकी सेंधा नमक
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1⁄2 गिलास पानी
बनाने का तरीका:
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सभी सामग्री को 1/2 गिलास पानी के साथ मिलाकर अच्छे से ब्लेंड करें।
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इसके बाद इस मिश्रण को छान लें और धीरे-धीरे पिएं।
कैसे फायदा पहुंचाता है यह ड्रिंक:
यह हेल्थ ड्रिंक माइग्रेन से राहत देने के साथ-साथ गर्मी में शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है। इसमें मौजूद सामग्री के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
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आंवला: आंवला में प्राकृतिक कूलिंग इफेक्ट होते हैं, जो गर्मी से राहत देते हैं और यह विटामिन C से भरपूर होता है।
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तुलसी: तुलसी के कई औषधीय गुण होते हैं, जो तनाव को कम करती हैं और मन को शांत करती हैं।
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खीरा और सौंफ: खीरा और सौंफ गर्मी में शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं और पित्त को शांत करते हैं।
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धनिया: धनिया पाचन क्रिया को सुधारता है और शरीर में दबाव को कम करता है।
यह जूस न केवल माइग्रेन से राहत दिलाएगा, बल्कि गर्मी में होने वाली लू से भी बचाव करेगा। इस देसी ड्रिंक का सेवन करने से आप गर्मियों में अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं और माइग्रेन की समस्या को भी नियंत्रित कर सकते हैं।