थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को नैतिकता के उल्लंघन के आरोप में पद से हटा दिया है। यह निर्णय उनके कार्यकाल के केवल एक वर्ष बाद लिया गया।
पैतोंगतार्न शिनावात्रा, जो कि शिनावात्रा परिवार की छठी ऐसी प्रधानमंत्री हैं जिन्हें या तो सेना या फिर न्यायपालिका ने सत्ता से बाहर किया है, अब इस राजनीतिक परंपरा का हिस्सा बन गई हैं। उनका परिवार पिछले दो दशकों से थाईलैंड के सत्ता संघर्ष में लगातार निशाने पर रहा है।
अदालत के अनुसार, जून में लीक हुई एक टेलीफोन कॉल में पैतोंगतार्न ने कथित रूप से कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन के सामने झुकाव दिखाया, जबकि उस समय दोनों देशों के बीच सशस्त्र सीमा विवाद की स्थिति थी। इसके कुछ हफ्ते बाद ही दोनों देशों के बीच पाँच दिन तक संघर्ष चला।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करते हुए व्यक्तिगत संबंधों को प्राथमिकता दी, जिससे देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा। इस फैसले के बाद अब संसद में नए प्रधानमंत्री के चयन का रास्ता साफ हो गया है।