इज़राइल ने यमन की राजधानी सना में ईरान-समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक बड़ा हवाई हमला किया है, जिसमें समूह के शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को गंभीर नुकसान पहुँचा है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला एक अपार्टमेंट पर किया गया जहाँ हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और उनके कई करीबी सहयोगी मौजूद थे। इस हमले में उनके मारे जाने की खबर है।
इज़राइली अधिकारियों ने दावा किया कि इस कार्रवाई में हूती रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अतीफी और चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी भी मारे गए। उल्लेखनीय है कि अल-गमारी पहले भी एक इज़राइली हमले में घायल हो चुके थे।
इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने बताया कि यह हमला प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सैन्य प्रमुख जनरल इयाल ज़मीर की मंज़ूरी के बाद किया गया। उन्होंने कहा कि हूती विद्रोहियों को इज़राइल पर हमले करने की "भारी कीमत चुकानी" होगी।
इज़राइली सेना ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सना क्षेत्र में हूती आतंकवादी शासन के एक सैन्य ठिकाने पर केंद्रित था।
गौरतलब है कि हूती विद्रोही गाज़ा में इज़राइल-हमास युद्ध के दौरान लगातार इज़राइल की ओर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे थे। इसके अलावा, उन्होंने लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय जहाजरानी को भी निशाना बनाया, जिससे वैश्विक व्यापार पर प्रभाव पड़ा।
इन हमलों के जवाब में, इज़राइल और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों — विशेषकर राजधानी सना और रणनीतिक तटीय शहर होदेदा — पर कई महीनों से तीव्र हवाई हमले किए हैं।
यह ताजा हमला इसी अभियान की एक बड़ी कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।