ढाका विश्वविद्यालय की समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर समीना लुत्फ़ा ने बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश ने इससे पहले कभी इतनी भयावह स्थिति नहीं देखी।
प्रोफ़ेसर लुत्फ़ा ने यह टिप्पणी ढाका विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित दमन-विरोधी शिक्षक रैली में की, जिसका आयोजन विश्वविद्यालय शिक्षक नेटवर्क द्वारा रविवार दोपहर किया गया था। यह रैली शिक्षकों पर हो रहे उत्पीड़न, हमलों, बर्खास्तगी, और नागरिक आंदोलनों पर हमलों के विरोध में बुलाई गई थी।
प्रोथोम अलो के अनुसार, प्रोफ़ेसर लुत्फ़ा ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थों के तहत एक विशेष वर्ग ने जानबूझकर देश को अस्थिरता की ओर धकेला है, और सरकार इस स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल बाउल गायकों, धार्मिक स्थलों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हमले हुए, लेकिन सरकार और राज्य संस्थाएं चुप और निष्क्रिय बनी रहीं।
प्रोफ़ेसर लुत्फ़ा ने आगामी राष्ट्रीय चुनावों को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि अगर देश में व्याप्त अनिश्चितता और असुरक्षा के माहौल को समाप्त करना है, तो सबसे पहले कानून-व्यवस्था में सुधार लाना होगा।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "विश्वविद्यालयों में बढ़ती भीड़-संस्कृति को तुरंत रोका जाना चाहिए। शिक्षकों और छात्रों पर राजनीतिक विचारों के कारण हमले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते।"
इस रैली में आयोजकों ने नागरिकों के लिए सुरक्षा, सम्मान और न्याय की भी माँग की, जो देश में बढ़ते दमन और असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ एक स्पष्ट सामाजिक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।