भारत और अमेरिका के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास 2025’ के 21वें संस्करण में भाग लेने के लिए भारतीय सेना का एक दल अमेरिका के अलास्का स्थित फोर्ट वेनराइट पहुँच चुका है। इस बारे में जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दी।
यह द्विपक्षीय अभ्यास 1 सितंबर से शुरू हुआ है और 14 सितंबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा देना और जटिल युद्ध स्थितियों में संयुक्त संचालन की दक्षता को मजबूत करना है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय दल में मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिक शामिल हैं, जो अमेरिकी सेना की 5वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के साथ प्रशिक्षण लेंगे। यह रेजिमेंट आर्कटिक वोल्व्स ब्रिगेड कॉम्बैट टीम की "बॉबकैट्स" यूनिट का हिस्सा है, जो अमेरिकी 11वीं एयरबोर्न डिवीजन से जुड़ी है।
अभ्यास के दौरान सैनिक विभिन्न सामरिक अभियानों का प्रशिक्षण लेंगे, जिनमें शामिल हैं:
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हेलीबोर्न ऑपरेशन
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निगरानी संसाधनों और ड्रोन तकनीक का उपयोग
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पर्वतीय युद्ध कौशल
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तोपखाने, विमानन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों का एकीकृत उपयोग
इसके अलावा, दोनों देशों की सेनाओं के विषय-विशेषज्ञ यूएएस (मानवरहित विमान प्रणाली) और काउंटर-यूएएस अभियानों, सूचना युद्ध, संचार और रसद जैसे क्षेत्रों में संयुक्त कार्य समूहों के ज़रिए अनुभव साझा करेंगे।
अभ्यास का समापन संयुक्त रूप से नियोजित लाइव-फायर अभ्यासों और उच्च-ऊंचाई वाले युद्ध परिदृश्यों के साथ होगा। इसका मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की क्षमता को सुदृढ़ करना और बहु-क्षेत्रीय सैन्य चुनौतियों के प्रति तैयारियों को मज़बूत करना है।