रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्त होने के बाद, 26 पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां जमीन, समुद्र या हवाई मार्ग से अपनी सेनाएं तैनात करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह ऐलान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन समर्थक 35 देशों के शिखर सम्मेलन के बाद किया, जिसे "इच्छुक गठबंधन" नाम दिया गया है।
मैक्रों ने स्पष्ट किया कि इन देशों की योजना युद्धविराम या शांति समझौते के तुरंत बाद यूक्रेन में सैन्य उपस्थिति दर्ज कराने की है, ताकि क्षेत्रीय स्थिरता और यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह उपस्थिति निगरानी, पुनर्निर्माण सहायता, प्रशिक्षण और रणनीतिक सुरक्षा तक फैली हो सकती है।
इस बैठक के दौरान मैक्रों और अन्य यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और अमेरिकी शांति दूत स्टीव विटकॉफ से भी मुलाकात की। इसमें संघर्ष के बाद के सैन्य समर्थन की रूपरेखा और अमेरिका की निरंतर भूमिका पर चर्चा की गई।
हालाँकि अमेरिका ने अभी तक अपने सैनिकों की संभावित तैनाती की पुष्टि नहीं की है, मैक्रों ने कहा कि वाशिंगटन का समर्थन इस गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यह घोषणा रूस के खिलाफ लंबे संघर्ष से जूझ रहे यूक्रेन के लिए एक मज़बूत राजनीतिक और सैन्य समर्थन का संकेत है, जो युद्ध के बाद पुनर्निर्माण और सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों पर निर्भर करेगा।