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पाकिस्तानी अखबारों सेः कर्ज देने के लिए आईएमएफ ने शर्तों का अड़ंगा लगाया

Date : 31-May-2023

 नई दिल्ली, 31 मई । पड़ोसी देश पाकिस्तान से बुधवार को प्रकाशित ज्यादातर अखबारों में कर्ज देने के मामले पर आईएमएफ के तीन शर्तों पर अड़े रहने की खबरें छाई हैं। आईएमएफ का कहना है कि कम आमदनी और बेरोक-टोक हो रहे खर्च से बजट का नुकसान और जीडीपी 9 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। समझौते के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए विदेशी फाइनेंसिंग की व्यवस्था करने और परिवर्तित बजट फ्रेमवर्क देने की बात कही गई है।

 
आईएमएफ चेयरमैन का कहना है कि अंदरूनी राजनीति की भी समीक्षा कर रहे हैं, उम्मीद करते हैं कि संविधान के मुताबिक आगे बढ़ने का शांतिपूर्वक रास्ता तलाश किया जाएगा। बोर्ड बैठक के लिए पाकिस्तान सरकार से संपर्क में है। इस मामले पर वित्त मंत्री इसहाक डार का कहना है कि बजट में जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहते लेकिन आईएमएफ की वजह से हाथ बंधे हुए हैं। वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार आईएमएफ के साथ समझौता करने के प्रयासों में जुटी हुई है। एफबीआर और कर्ज अदायगी समेत विभिन्न मामलों को आईएमएफ के साथ शेयर किया गया है।
 
इसके साथ ही अर्थ जगत की एक और खबर को भी महत्व दिया गया है। इसके अनुसार रूसी तेल ओमान बंदरगाह पहुंच गया है। हालांकि, पेट्रोलियम राज्यमंत्री मुसद्दीक मलिक ने कहा है कि रूसी तेल के आने के बाद तेल की कीमतों में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी।
 
 
 
इसके अलावा अखबारों ने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के उस बयान को भी प्रकाशित किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 9 मई की घटना से देश को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा है। हिंसा, आगजनी, घेराव करने वाले बातचीत के काबिल नहीं है। गृह मंत्री राना सनाउल्ला का कहना है कि इमरान खान पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलेगा। इमरान ने सैन्य संपत्तियों पर हमले की योजना बनाई और उस पर अमल भी कराया। यह मिलिट्री कोर्ट का केस बनता है।
 
 
 
इसी मामले पर पीटीआई चेयरमैन इमरान खान की प्रतिक्रिया को भी समाचारपत्रों ने जगह दी है। उनका कहना है कि अदालतों पर बड़ा दबाव है, जजों को फोन करके धमकाया जा रहा है कि तुम्हारी फाइलें हमारे पास पड़ी हैं। इसके बावजूद मुझे उम्मीद है कि अदालतें देश में कानून का राज स्थापित करने का काम करेंगी। कुछ अखबारों ने सरकार की तरफ से ऑडियो लीक मामले में चीफ जस्टिस समेत तीन जजों को सुनवाई से अलग होने के लिए कहे जाने की खबर दी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में नई बेंच गठित करने की मांग की है।
 
सरहद इस पार की खबरों में भारत की तरफ से दुर्घटनावश पाकिस्तानी सीमा पर मिसाइल दागे जाने के मामले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठाने की बात स्वीकारने की खबरें भी दी हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में माना गया है कि इससे पड़ोसी देश से संबंध खराब हुए और देश के खजाने का 24 करोड़ का नुकसान भी हुआ है।
 
 
 
अखबारों ने भारत के जरिए शंघाई सहयोग संगठन की राष्ट्र अध्यक्षीय बैठक ऑनलाइन किए जाने की खबरें देते हुए बताया है कि ऐसा करके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को रोकने की कोशिश की जा रही है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।
 
 
 
रोजनामा नवाएवक्त ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से एक खबर दी है कि भारत और चीन ने एक दूसरे के देशों में मौजूद मीडिया कर्मियों की मौजूदगी को लगभग समाप्त कर दिया है। भारत ने अंतिम दो चीनी पत्रकारों के वीजा में वृद्धि के आवेदन को रद्द कर दिया है। हालिया हफ्तों में दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां तकरीबन तमाम पत्रकारों को अपने-अपने देशों से निकाल दिया है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर जून, 2020 में हुई झड़प के बाद आपसी संबंध खराब चल रहे हैं।
 
 
 
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