रायपुर, 28 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर हद पार करने और राज्य में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एजेंसी जांच के नाम पर लोगों को प्रताड़ित और परेशान कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसियां अपनी सीमाएं लांघ रही हैं। हमारे पास कार्रवाई के विकल्प खुले हैं। नागरिकों की रक्षा के लिए हम कार्रवाई कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय एजेंसियों से पीड़ित लोगों से जानकारी मांगी है।
रायपुर पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बहुत गलत हो रहा है। जो सीमा है, उसके बाहर जाकर काम कर रही हैं। जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक किसी को मुर्गा बना रहे हैं। किसी को खाना देते हैं तो पानी नहीं देते। रात भर जगाकर रखते हैं। देर रात तक छोड़ते हैं। कई-कई रात सोने नहीं देते। रॉड से पिटाई हो रही है। किसी के कान से सुनाई नहीं देता। किसी बुजुर्ग आदमी को बैठने नहीं देते। उन बुजुर्ग को कहा गया कि खड़े रहो। उन्होंने कहा, उनको तकलीफ होती है। उनको पैरालिसिस का अटैक भी आया। यह अमानवीय कृत्य है। मैं नहीं समझता कोई सरकार अथवा न्यायालय इसकी इजाजत देगी। ये अपनी सीमाओं से बाहर जाकर कार्यवाही कर रहे हैं यह बेहद दुर्भाग्यजनक बात है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, अपने राज्य के नागरिक को सुरक्षा देना मेरी जिम्मेदारी है। अगर कोई भी चाहे वह दूसरे राज्य का हो, सेंट्रल एजेंसी हो अपनी सीमाओं से बाहर जाकर काम करे तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का भी हमको अधिकार है। मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले भी सोशल मीडिया पर संदेश पोस्ट कर केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी दी थी।
ईडी ने हाल ही में खनन ट्रांसपोर्टरों से कथित जबरन वसूली से जुड़े मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
मुख्यमंत्री ने रविवार को ट्वीट किया था कि अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भारत सरकार को इन सब घटनाओं की जानकारी दी जाए और अवैधानिक कृत्यों पर रोक लगायी जाए।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा