हैदराबाद, 1 दिसंबर (हि.स.)। तेलंगाना हाई कोर्ट ने तेरास के चार विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में आरोपित रामचंद्र भारती, नंद कुमार और सोमायाजुलू उर्फ सिम्हाजी को सशर्त जमानत दे दी है।
हाई कोर्ट ने गुरुवार को कुछ शर्तों के साथ इन आरोपितों की रिहाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने 3 लाख रुपये की जमानती रकम न्यायालय में जमा कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि तीनों आरोपित हर सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश होंगे। सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से कल बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने दलील पेश की थी।
महेश जेठमलानी ने दलील देते हुए कहा था कि तीनों आरोपितों का किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। उनके खिलाफ आरोप साबित करने के लिए कोई सबूत भी नहीं हैं और जो कुछ भी तेलंगाना पुलिस के पास सबूत हैं, वह अदालत में पेश करने योग्य नहीं हैं।
जेठमलानी ने कहा कि विधायकों को क्यों खरीदा जा रहा है, इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि किसी के अनुकूल वोट न देने और देने के लिए जोर देने को भी अपराध नहीं माना जाता।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या 104 विधायकों वाली पार्टी से चार विधायक बाहर आते हैं तो सरकार गिर सकती है? इस कारण तीनों आरोपितों के खिलाफ दर्ज मामला संवैधानिक नहीं है।
जेठमलानी ने मामले की जांच-पड़ताल एकपक्षीय करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस को इस संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। मामले के संबंध में लगाई गई धाराएं भी अनुकूल नहीं हैं। इसी आधार पर उन्होंने तीनों आरोपितों की जमानत मंजूर करने का आग्रह किया था।
उधर, इस मामले की जांच-पड़ताल एसआईटी की बजाय सीबीआई से करवाने का आग्रह करते हुए भाजपा के प्रदेश महासचिव जी. प्रेमेंदर रेड्डी और तीनों आरोपितों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश बी. विजयसेन रेड्डी ने सुनवाई की थी। उन्होंने कल इस मामले पर कार्रवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी थी।
यह केस एसआईटी से सीबीआई को सौंपने से संबंधित याचिका पर कोर्ट ने कल दलील सुनने के बाद सुनवाई 6 दिसंबर तक स्थगित कर दी थी।
हिन्दुस्थान समाचार/ नागराज/दधिबल