सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत में टेलीविजन दर्शक माप प्रणाली (टीआरपी) को अधिक लोकतांत्रिक, प्रतिस्पर्धात्मक और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से 2014 की टीवी रेटिंग नीति में संशोधन का प्रस्ताव रखा है।
संशोधन के प्रमुख बिंदु:
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मीडिया घरानों पर लगे कुछ प्रतिबंधों को हटाने का प्रस्ताव, ताकि अधिक एजेंसियां बाजार में प्रवेश कर सकें।
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प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन देने और नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रेटिंग प्रदान करने के लिए एकाधिक एजेंसियों की अनुमति दी जाएगी।
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विशेष रूप से कनेक्टेड टीवी, स्मार्ट टीवी, स्ट्रीमिंग डिवाइस और मोबाइल प्लेटफॉर्म्स जैसे उभरते माध्यमों पर दर्शकों के डेटा को बेहतर ढंग से मापने की दिशा में पहल की जा रही है।
वर्तमान स्थिति:
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भारत में लगभग 230 मिलियन (23 करोड़) टीवी घर हैं, लेकिन केवल 58,000 लोगों के मीटर सक्रिय हैं — जो कुल का सिर्फ 0.025% प्रतिनिधित्व करते हैं।
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मौजूदा प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों, विविध भाषाई समूहों और डिजिटल दर्शकों की उपभोग आदतों को पर्याप्त रूप से नहीं दर्शा पाती।
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वर्तमान में, BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) एकमात्र टीवी रेटिंग एजेंसी है।
प्रस्तावित सुधारों के उद्देश्य:
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टीआरपी डेटा की विश्वसनीयता और प्रतिनिधित्व क्षमता को बढ़ाना
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दर्शकों की विविधता और बदलते उपभोग पैटर्न को बेहतर ढंग से मापना
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नई तकनीक-आधारित विधियों को अपनाकर समग्र मीडिया परिदृश्य का सटीक मूल्यांकन
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नमूना आकार बढ़ाकर आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार लाना
मंत्रालय ने 30 दिनों के भीतर सभी हितधारकों और आम जनता से सुझाव और प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की हैं ताकि अंतिम नीति निर्णय भागीदारीपूर्ण और पारदर्शी हो।
यह कदम भारत के तेजी से बदलते डिजिटल मीडिया परिदृश्य में दर्शकों की संख्या मापने के तरीके को और अधिक समावेशी, वैज्ञानिक और प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।