प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ऐतिहासिक दो दिवसीय घाना यात्रा के दौरान राजधानी अकरा में घाना की संसद को संबोधित करते हुए भारत और घाना के बीच मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों, ऐतिहासिक जुड़ाव और व्यापक साझेदारी पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने भारत और घाना के रिश्तों को "शुगर लोफ पाइनएप्पल से भी अधिक मीठा" बताते हुए कहा कि यह मित्रता सीमाओं से परे है। उन्होंने भारत को लोकतंत्र की जननी करार देते हुए बताया कि लोकतंत्र भारत की सांस्कृतिक आत्मा और मूलभूत मूल्य प्रणाली का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने घाना की लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए उसे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का प्रतीक बताया।
उच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित
प्रधानमंत्री मोदी को घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना" से सम्मानित किया गया। इसे प्रधानमंत्री ने दोनों देशों की युवाओं और साझा मूल्यों को समर्पित करते हुए अत्यंत गर्व की बात बताया।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
उन्होंने घाना के संस्थापक राष्ट्रपति डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि अर्पित की और अफ्रीका के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रवासी समुदाय से भी संवाद किया, जिनकी संख्या घाना में लगभग 15,000 है।
रणनीतिक साझेदारी और समझौते
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की गई। भारत और घाना ने चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) का आदान-प्रदान किया, जिनमें शामिल हैं:
-
संस्कृति
-
मानक
-
आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा
-
संयुक्त आयोग तंत्र की स्थापना (दोनों विदेश मंत्रालयों के बीच संवाद बढ़ाने हेतु)
भारत की प्रमुख घोषणाएं:
-
वैक्सीन हब की स्थापना में सहयोग (अफ्रीका के लिए)
-
डिजिटल सार्वजनिक ढांचा और यूपीआई तकनीक की साझेदारी
-
कौशल विकास, ऊर्जा, खनिज और समुद्री सुरक्षा में सहयोग
वैश्विक दक्षिण के लिए संदेश
इस यात्रा ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने को प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य, व्यापार, बुनियादी ढांचे और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत कर यह साझेदारी अब राजनयिक संवाद से आगे बढ़कर जमीनी परियोजनाओं में परिवर्तित हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की घाना यात्रा ने भारत-अफ्रीका संबंधों में एक नए युग की शुरुआत की है। यह न केवल राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को प्रगाढ़ करती है, बल्कि लोकतंत्र, समानता और साझी विरासत जैसे मूल्यों को भी वैश्विक स्तर पर मजबूती से स्थापित करती है।