रेल मंत्रालय ने अपनी भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और तकनीक-आधारित बनाने के लिए कई अहम सुधार किए हैं। इन उपायों का उद्देश्य अभ्यर्थियों को बेहतर अनुभव देना और परीक्षा प्रणाली को धोखाधड़ी से मुक्त बनाना है। मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, "वन टाइम रजिस्ट्रेशन" (OTR) प्रणाली लागू की गई है, जिससे अभ्यर्थियों को हर भर्ती चक्र में बार-बार आवेदन भरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह प्रणाली आवेदन प्रक्रिया को काफी सरल और सुलभ बनाती है। इसके अलावा, 2024 से पहली बार एक वार्षिक भर्ती कैलेंडर जारी किया गया है, जो सभी ग्रुप "C" पदों और लेवल-1 श्रेणियों की भर्तियों को शामिल करता है। इस कैलेंडर से अभ्यर्थियों को पूरे चयन चक्र की समय-सीमा पहले से पता चलती है, जिससे पारदर्शिता और पूर्व नियोजन संभव होता है। तकनीकी नवाचारों के तहत अब परीक्षा प्रक्रिया में आधार-आधारित ई-केवाईसी, वास्तविक समय में चेहरे की पहचान, और फोटो सत्यापन को शामिल किया गया है। इससे फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिल रही है। भर्ती परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या और क्षमता में भी वृद्धि की गई है। फिलहाल देशभर में प्रतिदिन 325 से अधिक परीक्षा केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें प्रत्येक केंद्र की औसत क्षमता करीब 350 उम्मीदवारों की है। इन सभी उपायों के ज़रिए रेल मंत्रालय ने भर्ती प्रक्रिया को न केवल डिजिटल रूप से उन्नत किया है, बल्कि उसे अधिक भरोसेमंद, पारदर्शी और अभ्यर्थी-केंद्रित भी बनाया है।
रेल मंत्रालय ने डिजिटल तकनीक से भर्ती प्रक्रिया में किया बड़ा सुधार, पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी