भोपाल, 15 जुलाई । मध्य प्रदेश ने एक जिला-एक उत्पाद पुरस्कार-2024 में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश श्रेणी में रजत पुरस्कार प्राप्त किया है। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में मंगलवार को एक भव्य समारोह में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह पुरस्कार प्रदान किया।इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों एवं विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। मध्य प्रदेश की ओर से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उद्योग विभाग, वाणिज्य एवं निवेश प्रोत्साहन नीति विभाग की उप सचिव रूही खान ने प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में "एक जिला-एक उत्पाद" योजना के अंतर्गत प्रदेश के उत्पादों की वैश्विक बाजारों में उपस्थिति दर्ज हो रही है। प्रदेश स्थानीय से ग्लोबल की ओर बढ़ रहा है। स्थानीय स्तर पर निर्यातकों का बड़ा समूह तैयार हो रहा है। कई उत्पादों को जीआई टैग मिला है, जिसमें इन उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ी है। हस्तशिल्प एवं कृषि और खाद्य उत्पादों की पहचान बढ़ने के साथ कारीगरों और निर्माताओं के जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है।
जनसम्पर्क अधिकारी राजेश बैन ने बताया कि ओडीओपी योजना में विशेष उत्पादों को उनके भौगोलिक, जैविकीय, प्राकृतिक या उत्पादन की विशेषताओं के कारण शामिल किया गया है। सभी जिलों में ओडीओपी योजना संचालित है, जिनमें हरी सब्जी, मोटे अनाज, क्राफ्टकला हथकरघा, हस्तशिल्प, उपकरण शामिल है। स्थानीय कलाकारों और उत्पादों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अलग-अलग जिलों के 19 विशिष्ट उत्पादों को अब तक जीओ-ग्राफिकल इंडीकेशन्स (जीआई) टैग प्रदान किये गये है। इसमें चंदेरी साड़ी, बाग प्रिंट, नागपुरी संतरा, रतलामी सेंव, कड़कनाथ मुर्गा, चिन्नौर चावल, बुटिक प्रिंट, स्टोन क्राफ्ट, लेदर टॉय, बेल मेटल वेअर, महेश्वरी साड़ी, महोबा देशवारी पान, मुरैना गजक, सुंदरजा आम, शरबती गेहूँ, गोंड पेंटिंग, रॉट आयरन क्राफ्ट, हेन्डमेड कारपेट, वारासिवनी की हेंडलूम साड़ी शामिल है। इनमें से 7 उत्पाद ओडीओपी योजना में भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ने "एक जिला-एक उत्पाद" के अंतर्गत विश्व के प्रमुख बाजारों में अपनी पहचान बनाई है। वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम भी उठाए हैं। राज्य के विभिन्न जिलों के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। बुरहानपुर के उच्च गुणवत्ता वाले केले, रायसेन का सुगंधित बासमती चावल, और बालाघाट का प्रसिद्ध चिनौर चावल इन उत्पादों में प्रमुख हैं। मध्य प्रदेश के उत्पादों की पहचान अब सीमित नहीं रही, बल्कि ये राज्य की आर्थिक प्रगति, रोजगार अवसरों और निर्यात क्षमता को मजबूती दे रहे हैं।
"एक जिला-एक उत्पाद योजना अब एक जनभागीदारी आधारित आंदोलन बन चुकी है। इसमें कारीगरों, महिला समूहों, एफपीओ, स्टार्टअप्स और स्थानीय उद्यमियों की सक्रिय भूमिका रही है। राज्य सरकार ने एक जिला-एक जिला उत्पाद को स्थानीय से वैश्विक बनाने की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं।
केंद्र, सरकार ने 750 से अधिक जिलों से 1,200 से अधिक अनूठे उत्पादों की पहचान की है, जो कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा, हस्तशिल्प आदि क्षेत्रों में हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य मूल्य संवर्धन, विपणन को बढ़ावा देना और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों से जोड़ना है।
सिंगापुर, न्यूयॉर्क, वैंकूवर, मिलान, कुवैत, बहरीन और जापान में ओडीओपी वॉल्स स्थापित किए गए हैं। ओडीओपी उत्पाद अब सिंगापुर के मुस्तफा सेंटर और सेंटर पॉइंट मॉल जैसे खुदरा दुकानों पर उपलब्ध हैं। ओडीओपी पुरस्कारों के लिए 1 अप्रैल से 11 जून 2024 के बीच राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से कुल 641 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें जिलों से 587, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 31 और विदेशों में भारतीय मिशनों से 23 प्रविष्टियां शामिल थथीं।