विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के अपने प्रयास जारी रखेगा। उन्होंने इस हमले को जानबूझकर पर्यटन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और सांप्रदायिक विभाजन फैलाने की साजिश करार दिया।
चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में बोलते हुए, डॉ. जयशंकर ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ एकजुट होकर कठोर रुख अपनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 22 अप्रैल के हमले की निंदा को याद करते हुए कहा कि इसके अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि भारत इस हमले को अंजाम देने वालों की पहचान और उन्हें न्याय दिलाने के अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ेगा।
बैठक के दौरान डॉ. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती आर्थिक अस्थिरता और अव्यवस्था की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि भारत ने एससीओ के तहत स्टार्टअप, नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे कई क्षेत्रों में पहल की है। उन्होंने ज़ोर दिया कि संगठन के भीतर व्यापार, निवेश और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि एससीओ क्षेत्र में विश्वसनीय पारगमन की कमी आर्थिक सहयोग की गति को बाधित कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) को और बढ़ावा देने की बात कही।