नई दिल्ली, 22 जुलाई । दिल्ली सरकार ने राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वी) नीति को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। सरकार का कहना है कि यह विस्तार न सिर्फ ई-वी नीति को और मजबूत बनाएगा बल्कि नई नीति तैयार करने के लिए जरूरी समय और सलाह-मशविरा का मौका भी देगा।
इस नीति विस्तार के पीछे सरकार का मकसद ई-वी चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों का उपयोग करें। इसके साथ ही सरकार मौजूदा ई-वी सब्सिडी की समीक्षा करेगी और ई-वेस्ट, खासकर बैटरियों के निपटारे के लिए एक ठोस व्यवस्था बनाएगी। यह कदम ‘ग्रीन दिल्ली और क्लीन दिल्ली’ के संकल्प को आगे बढ़ाने की दिशा में है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली के हर नागरिक को ध्यान में रखते हुए भविष्य की जरूरतों को पूरा करने वाली, समावेशी और असरदार नीति बनाने के लिए जन भागीदारी और संवाद को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ई-वी नीति का यह विस्तार सभी पक्षों जैसे उद्योग, पर्यावरण समूहों, शिक्षाविदों, निजी संस्थाओं और आम जनता के साथ विचार-विमर्श का एक बेहतरीन अवसर देगा।
सरकार का कहना है कि नई नीति में कुछ नए प्रावधान भी शामिल किए जाएंगे जो ई-वी को अपनाने की रफ्तार तेज करेंगे। साथ ही, यह पॉलिसी दिल्ली के बढ़ते ईवी इकोसिस्टम में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भूमिकाओं को और स्पष्ट करेगी। चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़े, सब्सिडी की प्रक्रिया बेहतर हो और ई-वेस्ट का निपटान सुरक्षित तरीके से हो। इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
दिल्ली सरकार पहले से ही हरित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है और ईवी नीति का यह विस्तार उस दिशा में एक और मजबूत कड़ी है। इसका लक्ष्य दिल्ली को ईवी राजधानी बनाना, जहां स्वच्छ हवा, पर्यावरण की सुरक्षा और लोगों के लिए बेहतर यातायात विकल्प मौजूद हों। सरकार का मानना है कि यह कदम राजधानी की हवा की गुणवत्ता सुधारने और पर्यावरणीय जवाबदेही को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।