भारत सरकार ने बताया है कि सहकारी क्षेत्र में शुरू की गई विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के अंतर्गत ग्यारह राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACs) में गोदामों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। यह पायलट परियोजना के रूप में क्रियान्वित की गई है।
यह महत्वाकांक्षी योजना विभिन्न मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से PACs स्तर पर कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है। इसमें अनाज गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयाँ, और उचित मूल्य की दुकानें शामिल हैं।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि इस परियोजना के तहत 500 से अधिक PACs की पहचान की गई है और इसका निर्माण दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने नई बहुउद्देशीय PACs, डेयरी, और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में देश की सभी पंचायतों और गांवों को इस नेटवर्क से जोड़ना है।
इस पहल को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD), राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों का समर्थन प्राप्त है।
अमित शाह ने यह भी बताया कि कार्यात्मक PACs के कम्प्यूटरीकरण के लिए सरकार ने ₹2,925 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय परिव्यय वाली परियोजना को मंजूरी दी है, जिससे सहकारी समितियों की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा।