आज राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जा रहा है, जो 1927 में इसी दिन देश के पहले रेडियो प्रसारण के आरंभ का स्मरण है। भारत में पहली बार रेडियो प्रसारण भारतीय प्रसारण कंपनी के बॉम्बे स्टेशन से शुरू हुआ था।
आगे चलकर, 8 जून 1936 को, यह सेवा भारतीय राज्य प्रसारण सेवा के रूप में स्थापित हुई, जिसे आज हम ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के नाम से जानते हैं। यह दिन भारत में प्रसारण के माध्यम से विकास, शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण में उसके योगदान को याद करने का अवसर है।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान रेडियो ने सूचना के तेज प्रसार और राष्ट्रीय एकता को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। आजादी के बाद, इसने खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता, स्वास्थ्य जागरूकता और कृषि संबंधित ज्ञान फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
साल 1956 में राष्ट्रीय प्रसारक को ‘आकाशवाणी’ नाम दिया गया, जबकि 1957 में शुरू हुई विविध भारती सेवा ने लोकप्रिय फिल्म संगीत के माध्यम से आम जनता के दिलों में जगह बनाई।
1927 से रेडियो ने देश के लोगों के जीवन में एक अहम स्थान बनाया है। आकाशवाणी अपने आदर्श वाक्य “बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय” के अनुरूप जनसाधारण को निरंतर सूचना, शिक्षा और मनोरंजन प्रदान करती आ रही है।