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राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप, भाजपा ने उठाए सवाल

Date : 11-Sep-2025

नई दिल्ली, 11 सितंबर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सीआरपीएफ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे को पत्र भी लिखा। राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सवाल उठाए हैं।

गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर राहुल गांधी विदेश यात्राओं के दौरान बार-बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं, तो कुछ सवाल उठते हैं। विदेश यात्राओं के दौरान ऐसा क्या होता है कि उन्हें अपनी ही सुरक्षा पर भरोसा नहीं होता और वे प्रोटोकॉल तोड़ देते हैं? क्या वहां से कोई सामग्री आ रही है? क्या कुछ गुप्त रूप से किया जा रहा है? उन्हें विदेश में ज़्यादा सुरक्षा महसूस होती है। उन्होंने कहा कि अगर कल को कुछ हुआ, तो क्या सुरक्षा एजेंसियों को दोषी ठहराया जाएगा? कांग्रेस को उनसे पूछना चाहिए कि विदेश यात्राओं पर वे कौन सी गुप्त बैठकें करते हैं जिससे सुरक्षा का उल्लंघन होता है?

उधर, कांग्रेस ने सीआरपीएफ के पत्र को सार्वजनिक करने के समय पर सवाल उठाया। गुरुवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर कहा कि सीआरपीएफ के पत्र को जारी करने का समय और उसका तुरंत सार्वजनिक रूप से जारी होना, परेशान करने वाले सवाल खड़े करता है। यह ऐसे समय में आया है, जब राहुल गांधी चुनाव आयोग के वोट चोरी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं।

यह विपक्ष के नेता को सरकार की तरफ से डराने की कोशिश है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने कांग्रेस नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कहा है कि राहुल गांधी पिछले 9 महीने में बिना सूचना दिए 6 बार विदेश गए। इस दौरान वे इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया की यात्रा कर चुके हैं।

राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने का आरोप लगाया है। सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी अलग से पत्र भेजा है। इसमें लिखा गया है कि इस तरह की चूक से उनकी जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा कमजोर पड़ सकती है और उन्हें खतरे का सामना करना पड़ सकता है। जेड प्लस सुरक्षा श्रेणी वाले लोगों को ‘येलो बुक प्रोटोकॉल’ के तहत अपनी हर गतिविधि और विदेश यात्रा की जानकारी पहले से सुरक्षा एजेंसियों को देनी होती है ताकि उनके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जा सकें।

 
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