सैरांग, मिज़ोरम:
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन को मिज़ोरम और पूर्वोत्तर भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है। इस परियोजना के माध्यम से मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ गई है, जो राज्य की कनेक्टिविटी और समग्र विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
परियोजना की विशेषताएँ
सैरांग रेलवे स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए मंत्री वैष्णव ने इस परियोजना की तकनीकी जटिलताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस 51 किलोमीटर लंबी रेललाइन में:
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45 सुरंगें
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55 प्रमुख पुल
शामिल हैं, जो इस निर्माण को इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक चुनौतीपूर्ण उपलब्धि बनाते हैं।
यात्रियों और व्यापार के लिए नई राहें
रेल मंत्री ने बताया कि आज तीन प्रमुख ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई:
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सैरांग-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस
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मिज़ोरम एक्सप्रेस (रोज़ाना गुवाहाटी के लिए)
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कोलकाता त्रैमासिक एक्सप्रेस
इसके अलावा, कल से मालगाड़ियों की सेवा भी शुरू हो जाएगी, जिससे मिज़ोरम के प्रसिद्ध फलों और ड्रैगन फ्रूट जैसे कृषि उत्पादों का देशभर में सुलभ परिवहन संभव होगा।
पूर्वोत्तर में रेलवे निवेश में बड़ा इज़ाफ़ा
श्री वैष्णव ने बताया कि 2014 के बाद से पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे निवेश में पाँच गुना वृद्धि हुई है। यह विकास प्रधानमंत्री मोदी की "पूर्वोदय" नीति के तहत पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ने के संकल्प को दर्शाता है।
बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन, न सिर्फ मिज़ोरम के लिए एक आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का जरिया बनेगी, बल्कि यह पूर्वोत्तर भारत को राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।