लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजनीतिक दलों और निर्वाचित प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे संसद को एक ऐसा मंच बनाएं जहाँ राष्ट्रीय और जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस, चर्चा और संवाद हो सके। यह अपील उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित 11वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में की।
उन्होंने सांसदों से अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर जनप्रतिनिधि के रूप में जिम्मेदारी लेते हुए चर्चा में भाग लेने को कहा। उन्होंने संसद की कार्यवाही में गिरावट पर अपनी चिंता जताई और कहा कि सदन में व्यवधान और जानबूझकर कार्यवाही बाधित करने के प्रयासों से वह दुखी हैं। उन्होंने जोर दिया कि सांसदों की गरिमा उनकी बहस और चर्चा के स्तर से मापी जाएगी।
श्री बिरला ने यह भी बताया कि विधायिका को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए डिजिटल संसद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जहाँ सदन में हो रहे विचार-विमर्श को साझा किया जाएगा।
इसी विषय पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी सदन में हो रही व्यवधानों और अव्यवस्था पर चिंता जताई। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे नीति-निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें और जनता के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि सदन में सार्थक और रचनात्मक संवाद के माध्यम से ही जनता का विधायी प्रक्रिया पर विश्वास कायम किया जा सकता है।
इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर और विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।