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एसआईआर के खिलाफ तृणमूल के मार्च को भाजपा ने "घुसपैठिया बचाओ रैली" करार दिया

Date : 04-Nov-2025

कोलकाता, 04 नवंबर । पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक टकराव बढ़ता जा रहा है। मंगलवार से ही बंगाल में एसआईआर की शुरुआत हुई है और पहले ही दिन प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ पदयात्रा निकालकर दावा किया है कि इसके जरिए असली मतदाताओं का नाम काटने का प्रयास हो रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए तृणमूल की रैली को "घुसपैठिया बचाओ रैली" करार दिया है। पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह घुसपैठियों को बचाने के लिए आंदोलन कर रही हैं।

मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि ममता बनर्जी की "घुसपैठिया बचाओ यात्रा" का असली मकसद अवैध मतदाताओं को संरक्षण देना है, क्योंकि राज्य में मतदाताओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 2001 और अब के बीच बंगाल की जनसंख्या में 31 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि मतदाताओं की संख्या 67 प्रतिशत बढ़ गई है, जो यह सवाल खड़े करती है कि ये अतिरिक्त मतदाता आए कहां से?

अमित मालवीय ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसकी राजनीति अब अवैध घुसपैठियों और फर्जी मतदाताओं पर आधारित है। उन्होंने लिखा कि ममता बनर्जी कभी वाममोर्चा के खिलाफ मतदाता सूची में हेरफेर और फर्जी नाम जोड़ने के आरोपों को लेकर संघर्ष की अगुवाई करती थीं, लेकिन आज वही सीमापार से अवैध घुसपैठ को रोकने संबंधी केंद्र के प्रयासों का विरोध कर रही हैं।

मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि बंगाल में अपराध, महिला तस्करी और संगठित अपराध में शामिल अवैध ऊर्दू भाषी घुसपैठियों को तृणमूल कांग्रेस ने अपने "क़ैदी वोट बैंक" के रूप में तैयार कर लिया है। उन्होंने ममता की रैली की तुलना मौलाना भासानी के 'लॉन्ग मार्च' से की, जिसमें भारत के पूर्वोत्तर और बंगाल को पूर्व पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में मिलाने की मांग उठी थी।

भाजपा नेता ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने पर मतदाता सूची में मौजूद फर्जी मतदात समाप्त हो जाएंगे, जिससे तृणमूल कांग्रेस की राजनीतिक जमीन कमजोर पड़ने का डर साफ दिख रहा है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल की जनता अब धोखाधड़ी को स्वीकार नहीं करेगी और राज्य एक बार फिर अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा और गौरव हासिल करेगा।

 
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