सूरत/नर्मदा, 15 नवंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाडा क्षेत्र पहुंचे, जहाँ उन्होंने सागबारा स्थित आदिवासियों की कुलदेवी देवमोगरा माता मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। वे ‘आदिवासी गौरव दिवस’ कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के आदिवासी समाज का यह मंदिर चार राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है।
प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी भीड़ हुई थी इससे पूरे क्षेत्र में उत्साह माहौल दिखाई दिया।
देवमोगरा माता कौन हैं?
देवमोगरा माता (जिसे कुछ स्थानों पर पांडोरी माता या मोगली माता भी कहा जाता है) आदिवासी समाज की कुलदेवी मानी जाती हैं। इन्हें सतपुड़ा और नर्मदा घाटी के आदिवासियों की रक्षक देवी माना जाता है। देवी के बारे में मान्यता है कि वे जंगल, खेती, जनजातीय जीवन और संकटों में समुदाय की रक्षा करती हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के भील, वसावा, कुकना, गामित, चौधरी समेत कई आदिवासी समुदाय विशेष रूप से इस देवी को पूजते हैं।
देवमोगरा माता मंदिर का इतिहास—
देवमोगरा मंदिर प्राचीन आस्था स्थल माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर कई पीढ़ियों पहले एक तपस्वी द्वारा देवी के दर्शन होने के बाद स्थापित किया गया था। प्रारंभ में यह एक छोटा प्राकृतिक स्थल था, जिसे बाद में श्रद्धालुओं ने विकसित कर मंदिर का स्वरूप दिया। हर वर्ष बड़े पैमाने पर आदिवासी मेला लगता है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। डेडियापाडा-सागबारा क्षेत्र में यह स्थान आदिवासी संस्कृति का एक मुख्य आध्यात्मिक केंद्र है।
प्रधानमंत्री ने की समाज और देश के लिए मंगल कामना
प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर पहुँचकर माता के दर्शन किए, पूजा-अर्चना की और प्रदेश के आदिवासी समाज और देश के लिए मंगलकामना की। इसके बाद वे
डेडियापाडा में आयोजित ‘आदिवासी गौरव दिवस’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए।
