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गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बनेंगी चार नई रेल लाइन, केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने दी स्वीकृति

Date : 15-Nov-2025

गांधीनगर, 15 नवंबर। पश्चिम रेलवे गुजरात राज्य के कच्छ जिले में दो महत्वपूर्ण नई रेल लाइन देशलपर–हाजीपीर–लूना (81.771 किमी) और वायोर–लखपत (62.686 किमी) नई ब्रॉडगेज रेल लाइन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने स्वीकृति दे दी है। यह जानकारी शनिशार काे पश्चिम रेलवे के जन संपर्क विभाग ने दी।

भुज-नलिया रेल लाइन का वायोर तक विस्तार और नलिया–जखाऊ पोर्ट नई रेल लाइन (लगभग 194 किमी रु.3375) करोड़ की लागत से बनाई जाएंगी। सीमावर्ती एवं तटीय क्षेत्रों में रेल संपर्क को सुदृढ़ करने, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने तथा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अवसंरचना को सशक्त करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होंगी।

पश्चिम रेलवे के जन संपर्क विभाग ने बताया कि गुजरात का कच्छ क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों और औद्योगिक क्षमता के मामले में देश के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में गिना जाता है। भारत में उत्पादित कुल लाइम स्टोन का लगभग 70 प्रतिशत उत्पादन कच्छ में होता है, जिससे यह क्षेत्र देश की सबसे बड़ी लाइम स्टोन बेल्ट के रूप में पहचाना जाता है। यहाँ मिलने वाला लाइम स्टोन गुणवत्ता की दृष्टि से श्रेष्ठ माना जाता है।

उन्होंने बताया कि औद्योगिक उत्पादन के साथ-साथ कच्छ क्षेत्र रेलवे के संदर्भ में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पश्चिम रेलवे के अंतर्गत यह क्षेत्र सर्वाधिक माल लदान प्रदान करने वाला क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त, कच्छ का भौगोलिक महत्व भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंतरराष्ट्रीय तटीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। यहाँ तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन तंत्र का विकसित होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।

नई रेल लाइनों के निर्माण और उन्नयन से रक्षा बलों की तैनाती, सैन्य सामग्री के परिवहन तथा आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे देश की सामरिक शक्ति और सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से न केवल औद्योगिक एवं खनिज संपन्न क्षेत्रों को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, बल्कि स्थानीय जनसुविधा और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को सशक्त आधार मिलेगा।

ब्रॉड गेज में भुज-नलिया रेल लाइन का परिवर्तन कार्य का पूराभुज-नलिया रेल लाइन (101.40 किमी) का मीटर गेज से ब्रॉड गेज में परिवर्तन कार्य पूर्ण हो चुका है। अब नलिया से वायोर तक (24.65 किमी) रेल लाइन का अनुमानित लागत रु. 437.18 करोड़ से विस्तार का किया जा रहा है। यह प्रस्ताव औद्योगिक एवं सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रमुख उद्योग जैसे सांघी सीमेंट (सांघीपुरम) इस प्रस्तावित परियोजना मार्ग के समीप प्रस्तावित वायोर स्टेशन के निकट स्थित है। वर्तमान में इस उद्योग का उत्पादन ट्रकों द्वारा भुज तक भेजा जाता है और आगे रेल मार्ग से परिवहन किया जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में अभी तक रेल सुविधा उपलब्ध नहीं है।

इसके अतिरिक्त, जेपी सीमेंट द्वारा भी वायोर स्टेशन के निकट एक विशाल सीमेंट उत्पादन इकाई स्थापित की जा रही है, जिसका उत्पादन शीघ्र ही प्रारंभ होने की संभावना है। रेल लाइन के इस विस्तार से इन सभी उद्योगों को सीधी रेल कनेक्टिविटी प्राप्त होगी, जिससे कच्चे माल एवं तैयार उत्पादों का परिवहन अधिक सुगम, तेज़ और किफायती हो जाएगा। इससे सड़क यातायात का दबाव कम होगा, लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि होगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

भुज–नलिया रेल लाइन का वायोर तक विस्तार कच्छ क्षेत्र के औद्योगिक, आर्थिक एवं सामरिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

नई ब्रॉडगेज रेल लाइन नलिया–जखाऊ पोर्ट तक जाएगी

नलिया–जखाऊ पोर्ट (24.88 किमी) नई ब्रॉडगेज रेल लाइन, यह रेल लाइन भुज–नलिया खंड के नलिया स्टेशन से प्रारंभ होकर जखाऊ बंदरगाह तक जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य जखाऊ बंदरगाह को रेल नेटवर्क से जोड़ना है, जिससे बंदरगाह की माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी तथा मुंद्रा और कांडला जैसे बड़े बंदरगाहों पर बढ़ते दबाव में कमी आएगी। यह बंदरगाह कच्छ जिले के अबडासा तालुका में स्थित है और गुजरात मेरीटाइम बोर्ड द्वारा 2001 में इसका नवीनीकरण किया गया था। जखाऊ बंदरगाह भविष्य में आयात–निर्यात के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा।

इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹410.46 करोड़ है। इस क्षेत्र में विशाल भूमि उपलब्ध है, जिससे औद्योगिक इकाइयाँ, गोदाम, सेवा प्रसंस्करण और पैकेजिंग केंद्र स्थापित करने की संभावनाएँ भी बढ़ेंगी। वर्तमान में यहा से कोयला, नमक, क्लिंकर और सीमेंट का परिवहन सड़क के माध्यम से होता है जो रेल मार्ग से हो सकेगा। जखाऊ बंदरगाह की स्थिति सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बंदरगाह पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय तटीय सीमा के निकट है। जखाऊ बंदरगाह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 67 किलोमीटर दूर है। नलिया भारतीय वायुसेना की पश्चिमी कमान का एक महत्वपूर्ण वायुसेना स्टेशन है। इस रेल लाइन के बनने से रक्षा दृष्टि से भी देश को एक सशक्त संपर्क मार्ग प्राप्त होगा। यह कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों पर भीड़ को भी कम करेगा।

देशलपर–हाजीपीर–लूना (81.771 किमी) एवं वायोर–लखपत (62.686 किमी) नई ब्रॉडगेज रेल लाइन परियोजना है, जिसकी लंबाई लगभग145 किमी होगी। रेलवे बोर्ड द्वारा इस परियोजना को 3 सितम्बर 2025 को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह परियोजना ₹2526.47 करोड़ की लागत से स्वीकृत की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत 15 स्टेशन, 91 रोड अंडर ब्रिज, 39 बड़े पुल, 74 छोटे पुल और 690 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है। इस परियोजना में 2x25 केवी एसी विद्युत प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।

देशलपर–हाजीपीर–लूना (81.771 किमी) स्टेशन–

1. देशलपर

2. पालीवाड़

3. नखत्राणा

4. अरल मोटी

5. फुलाय

6. हाजीपीर

7. लूना

वायोर–लखपत (62.686 किमी) स्टेशन–

1. वायोर

2. हरुड़ी

3. बारंडा

4. बुदधा

5. नारायण सरोवर

6. कपूरासी

7. छेरी मोटी

8. लखपत

वर्तमान में इस क्षेत्र में रेल संपर्क उपलब्ध नहीं है तथा निकटतम रेल स्टेशन भुज लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस नई रेल लाइन के बन जाने से क्षेत्र की जनता को सड़क परिवहन के साथ-साथ सुरक्षित, सस्ती और सुविधाजनक रेल सेवा का विकल्प प्राप्त होगा।

यह परियोजना औद्योगिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि लूना क्षेत्र देश के प्रमुख नमक उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। यहां से लगभग 10 मिलियन टन प्रति वर्ष नमक उत्पादन होता है, जो वर्तमान में सड़क मार्ग से परिवहन किया जाता है। नई रेल लाइन बनने पर यह विशाल मात्रा का माल रेल मार्ग से परिवाहित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में बॉक्साइट, लिग्नाइट और फ्लोराइट जैसे खनिजों के भंडार पाए जाते हैं, जिनके खनन और परिवहन से स्थानीय रोजगार एवं औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। साथ ही, वायोर और लखपत क्षेत्रों में सीमेंट एवं माइनिंग उद्योग पहले से स्थापित हैं, जिससे माल परिवहन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

 
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