फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत खरीद के लिए स्वदेशी वेंडरों के लिए टेंडर जारी
- एरियल टार्गेटिंग सिस्टम्स से दुश्मन के सटीक ठिकाने नष्ट किये जा सकेंगे
नई दिल्ली, 03 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय सेना सीमा पर तैनाती के लिए 10 सेट एरियल टार्गेटिंग सिस्टम्स और 120 घूमने वाली युद्ध सामग्री खरीदने जा रही है। आपातकालीन खरीद शक्तियों के हिस्से के रूप में फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत इस खरीद के लिए गुरुवार को सेना ने स्वदेशी वेंडरों के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस लोइटरिंग मुनिशन लॉन्चर से न्यूनतम क्षति के साथ दुश्मन के ठिकानों को सटीक तरीके से नष्ट किया जा सकेगा।
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सेना को अधिकतम 100 किमी. की दूरी के आवंटित लक्ष्य तक पहुंचने की क्षमता वाले 10 सेट एरियल टार्गेटिंग सिस्टम्स चाहिए। इनमें ग्राउंड स्टेशन से संचार बाधित होने पर भी लक्ष्य को स्थानांतरित करने की क्षमता होनी चाहिए। इच्छुक कंपनियों से 10 नवंबर तक बोलियां मांगी गईं हैं। दरअसल, हाल की लड़ाइयों में टैंकों और मिसाइल लांचरों जैसे पारंपरिक हथियारों पर कहर बरपाने वाले घातक, पोर्टेबल 'आत्मघाती ड्रोन' का इस्तेमाल देखा गया है। इसे देखते हुए स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित तीन अलग-अलग प्रकार के घूमने वाले युद्ध हथियारों का पिछले महीने लद्दाख में 15 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था, जिससे सेना को सीमा के पास एक नई युद्ध शक्ति मिली है।
टेंडर के मुताबिक सेना को हर मौसम में घूमने वाले गोला-बारूद लॉन्चर या 'एरियल टारगेटिंग सिस्टम (विस्तारित रेंज) चाहिए, जिसमें दो घंटे की सहनशीलता और कम से कम 300 मीटर की ऊंचाई पर युद्धाभ्यास करने की क्षमता होनी चाहिए। सेना ने वेंडरों को ऐसी युद्ध सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कहा है, जिसमें या तो उच्च विस्फोटक प्री-फ्रैगमेंटेड (एचईपीएफ) या कम से कम 8 किलो वजन के साथ एंटी-आर्मर वारहेड होना चाहिए। इसके अलावा सभी मौसम में घूमने वाले गोला बारूद लांचरों में न्यूनतम 100 किमी. की सटीकता होनी चाहिए।
सेना के मुताबिक यह 4000 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई से फायर करने में सक्षम होना चाहिए और किसी भी दिशा से निशाना साधने की क्षमता होनी चाहिए। यह स्वचालित लक्ष्य-ट्रैकिंग क्षमता के साथ दिन और रात के दौरान लक्ष्य प्राप्ति का विकल्प चुनने में सक्षम होना चाहिए। युद्धपोतों में निरस्त, पुनः हमला, पुन: उपयोग करने की क्षमता और आवंटित लक्ष्य पर होमिंग होनी चाहिए, भले ही ग्राउंड स्टेशन से संचार बाधित हो और ऑपरेटर को नियंत्रण स्टेशन से लक्ष्य को लॉक-ऑन या लॉक-ऑफ करने का अधिकार देता हो।यह सभी इलाकों और सभी मौसमों में न्यूनतम शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर अधिकतम 40-55 डिग्री सेल्सियस तक संचालित होना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत
